"सॉरी, लेकिन दो छात्रों के लिए NEET-UG परीक्षा दोबारा नहीं करवा सकते..." : SC ने पलटा बॉम्बे HC का फैसला

सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि 2 छात्रों के लिए परीक्षा परिणाम नहीं रोक सकते. 16 लाख छात्रों को रिजल्ट का बेसब्री से इंतजार है.

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सुप्रीम कोर्ट ने NEET-UG से जुड़े मामले में सुनाया फैसला
नई दिल्ली:

दो छात्रों के लिए NEET-UG की दोबारा परीक्षा कराने से सुप्रीम कोर्ट ने इंकार कर करते हुए बॉम्बे हाईकोर्ट के फैसले को रद्द कर दिया है.  कोर्ट ने  टेस्ट बुकलेट और आंसर बुकलेट मैच ना करने पर दोबारा परीक्षा के आदेश रद्द कर दिया है.  सुनवाई के दौरान केंद्र की ओर से SG तुषार मेहता ने कहा कि 16 लाख बच्चों ने परीक्षा दी है. अगर इन दो को अनुमति मिली तो ऐसे केस आने शुरू होंगे. फिर ये पैटर्न बन जाएगा. हर साल छात्र इसी तरह फिर से परीक्षा मांगेंगे. इससे पहले 28 अक्टूबर को NEET-UG के रिजल्ट घोषित करने को सुप्रीम कोर्ट की हरी झंडी दे दी थी.  कोर्ट ने16 लाख छात्रों का  परिणाम घोषित करने की इजाजत दी थी. बता दें कि बॉम्बे हाईकोर्ट के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगाई थी. हाईकोर्ट ने दो छात्रों के लिए NEET रिजल्ट पर रोक लगा दी थी. कोर्ट ने कहा कि "सॉरी, लेकिन दो छात्रों के लिए NEET-UG परीक्षा दोबारा नहीं करवा सकते."

सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि 2 छात्रों के लिए परीक्षा परिणाम नहीं रोक सकते. 16 लाख छात्रों को रिजल्ट का बेसब्री से इंतजार है. सुनवाई के दौरान जस्टिस एल नागेश्वर राव ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता को कहा था कि हमें हितों को संतुलित करना होगा.  हालांकि हम इस बात से सहमत हैं कि परिणामों की घोषणा को रोका नहीं जा सकता है, लेकिन इन दोनों छात्रों के हितों की भी रक्षा की जानी चाहिए.  उन्हें अधर में नहीं छोड़ा जा सकता. आपके निरीक्षक ने ही गलती स्वीकार की है. ऐसे में हम लाखों छात्रों को परिणाम की प्रतीक्षा में नहीं रख सकते हैं.  हम आपको परिणाम घोषित करने की अनुमति देते हैं. इन दो छात्रों के मामले में आप कोई रास्ता निकालें. अदालत ने दोनो छात्रों के मुद्दे पर NTA को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था.

NEET-UG परीक्षा के रिजल्ट को लेकर केंद्र सरकार सुप्रीम कोर्ट पहुंची है. बॉम्बे हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती दी गई है. केंद्र ने कहा है कि हाईकोर्ट के दो छात्रों की फिर से परीक्षा कराने के आदेश पर रोक लगे. हाईकोर्ट का ये आदेश गलत मिसाल कायम करेगा. हाईकोर्ट के आदेश के चलते पूरी परीक्षा का रिजल्ट रुक गया है. ऐसे में परिणामों की घोषणा में देरी से एमबीबीएस, बीडीएस, बीएएमएस, बीएसएमएस, बीयूएमएस और बीएचएमएस जैसे स्नातक मेडिकल पाठ्यक्रमों के लिए प्रवेश प्रक्रिया में देरी होगी.

बॉम्बे हाईकोर्ट का फैसला भविष्य में इस तरह की घटनाओं से उम्मीदवारों द्वारा अनुचित लाभ उठाने के लिए गलत मिसाल कायम करेगा. सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने CJI एनवी रमना से जल्द सुनवाई की मांग की थी. उन्होंने कहा कि हाईकोर्ट के इस आदेश से NEET रिजल्ट की घोषणा पर रोक लग गई है. दरअसल बॉम्बे हाईकोर्ट ने दो छात्रों के लिए अलग से NEET  परीक्षा कराने का आदेश दिया है. इससे इन दोनों छात्रों की परीक्षा कराने के बाद ही रिजल्ट घोषित होना है .नीट परीक्षा पिछले महीने 12 सितंबर को देशभर में आयोजित की गई थी. परीक्षा में करीब 16 लाख उम्मीदवारों ने भाग लिया था 

बॉम्बे हाईकोर्ट का आदेश सोलापुर जिले के उन दो छात्रों की याचिकाओं पर आया है जिन्होंने शिकायत की थी कि निरीक्षक की असावधानी के कारण उन्हें एग्जाम के दौरान बेमेल टेक्स्ट बुकलेट और आंसर शीट मिली. याचिकाकर्ताओं का कहना था कि उन्हें दी गई टेस्ट बुकलेट और आंसर बुकलेट मैच नहीं कर रही थी. जब उम्मीदवारों ने तुरंत निरीक्षकों को इस बात की जानकारी दी तो उनकी नहीं सुनी गई और चुप करा दिया गया. इसके बाद कोर्ट ने एनटीए को याचिकाकर्ताओं वैष्णवी भोपाले और अभिषेक कापसे के लिए फिर से परीक्षा आयोजित करने और दो सप्ताह में उनके परिणाम घोषित करने का निर्देश दिया है. हाईकोर्ट ने एनटीए को याचिकाकर्ताओं को री-एग्जामिनेशन की तारीख और परीक्षा केंद्र की जानकारी 48 घंटे पहले देने के लिए कहा है.

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