सुप्रीम कोर्ट का दिल्‍ली-NCR में वाहनों की स्‍क्रैपेज नीति को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई से इनकार

दिल्‍ली-एनसीआर में स्क्रैपेज नीति (Vehicle Scrappage Policy) को चुनौती देने वाली अर्जी पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने सुनवाई से इनकार कर दिया है.

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सुप्रीम कोर्ट का दिल्‍ली-NCR में वाहनों की स्‍क्रैपेज नीति को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई से इनकार
सुप्रीम कोर्ट (फाइल फोटो)
नई दिल्‍ली:

दिल्‍ली-एनसीआर (Delhi-NCR) में 10 साल से पुराने डीजल वाहनों और 15 साल से पुराने पेट्रोल वाहनों की स्क्रैपेज नीति (Vehicle Scrappage Policy) को चुनौती देने वाली अर्जी पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने सुनवाई से इनकार कर दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता को संबंधित अथॉरिटी जाने की अनुमति दी है और कहा है कि नेशनल ग्रीन ट्रिब्‍यून (National Green Tribune) के आदेशों के तहत यह गाइडलाइन बनी थी. 

NGT के आदेशों को सुप्रीम कोर्ट ने भी बरकरार रखा था. ऐसे में एक अन्य केस में अर्जी दाखिल कर इसे चुनौती नहीं दी जा सकती है. 

NGT के निर्देश को बाधित नहीं कर सकते : SC

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम ऐसी अर्जी में एनजीटी के निर्देश को बाधित नहीं कर सकते हैं, जब तक NGT के आदेश को संशोधित नहीं किया जाता है, हम कुछ नहीं कर सकते हैं. साथ ही अदालत ने कहा कि याचिकाकर्ता संबंधित अथॉरिटी के पास जा सकता है. 

दरअसल नागलक्ष्मी लक्ष्मी नारायणन ने स्क्रेपिंग नीति को चुनौती देते हुए कहा है कि यह वाहनों को उनकी फिटनेस या उत्सर्जन मानदंडों के अनुपालन की परवाह किए बिना स्क्रेपिंग करने का आदेश देती है. 

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याचिकाकर्ता का दावा है कि वह NGT के आदेश से पहले खरीदी गई 2014 मॉडल की ऑडी डीजल गाड़ी का मालिक है. इस नीति के तहत, दिसंबर 2024 से दिल्ली में उसके वाहन के इस्तेमाल पर प्रतिबंध रहेगा, भले ही पंजीकरण प्रमाणपत्र दिसंबर 2029 तक वैध हो. 
 

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