"आर्य समाज का काम विवाह प्रमाणपत्र जारी करना नहीं", SC ने कानूनी मान्यता देने से किया इनकार

युवक ने मध्य भारतीय आर्य प्रतिनिधि सभा की ओर से जारी विवाह प्रमाण पत्र भी कोर्ट में पेश किया. लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इसे मानने से इंकार कर दिया.

Advertisement
Read Time: 5 mins
नई दिल्ली:

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने आर्य समाज (Arya Samaj) की ओर से जारी विवाह प्रमाणपत्र (Marriage Certificate) को कानूनी मान्यता देने से इनकार कर दिया है. जस्टिस अजय रस्तोगी और जस्टिस बी वी नागरत्ना की पीठ ने कहा कि आर्य समाज का काम विवाह प्रमाणपत्र जारी करना नहीं है. विवाह प्रमाणपत्र जारी करने का ये काम तो सक्षम प्राधिकरण ही करते हैं. कोर्ट के सामने असली प्रमाणपत्र प्रस्तुत किया जाए. 

मामला प्रेम विवाह का बताया जा रहा है. लड़की के घरवालों ने नाबालिग बताते हुए अपनी लड़की के अपहरण और रेप की एफआईआर दर्ज करा रखी है. जबकि युवक का कहना था कि लड़की बालिग है. उसने अपनी मर्जी और अधिकार से विवाह का फैसला किया है. आर्य समाज मंदिर में विवाह हुआ है.

तलाक-ए-हसन की जल्द सुनवाई की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने महिला को रजिस्ट्रार के पास भेजा

युवक ने मध्य भारतीय आर्य प्रतिनिधि सभा की ओर से जारी विवाह प्रमाण पत्र भी कोर्ट में पेश किया. लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इसे मानने से इंकार कर दिया. इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने अप्रैल में मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई करने को हामी भर दी थी.

तब जस्टिस केएम जोसेफ और जस्टिस हृषिकेश रॉय की बेंच ने हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगा दी थी. हाईकोर्ट ने आर्य प्रतिनिधि सभा से स्पेशल मैरिज एक्ट 1954 की धाराओं 5, 6, 7 और 8 प्रावधानों को अपनी गाइड लाइन में एक महीने के भीतर शामिल करने को कहा था.

कैमरे में कैद : मुस्लिम लड़की से शादी करने पर हिन्दू युवक की सड़क पर पीट-पीटकर हत्या

जाति, धर्म से बाहर विवाह कितना मुश्किल?

Featured Video Of The Day
Tirupati Laddoo: Chandrababu Naidu के बयान से धमाका, तिरुपति के लड्डू में जानवर की चर्बी
Topics mentioned in this article