रामसेतु को ऐतिहासिक स्मारक के रूप में मान्यता देने की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट जल्द सुनवाई को तैयार. इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट 26 जुलाई को करेगा सुनवाई. दरअसल सुब्रमण्यम स्वामी ने फरवरी में भी रामसेतु को ऐतिहासिक स्मारक के रूप में मान्यता देने की याचिका पर जल्द सुनवाई की मांग की था. सुप्रीम कोर्ट ने इस मुद़दे पर कहा था कि इस मामले में तीन महीने बाद विचार किया जाएगा. सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को एक हलफनामा दाखिल करके अपना रुख भी स्पष्ट करने को कहा था.
सुब्रमण्यम स्वामी ने सुप्रीम कोर्ट में रामसेतु का मुद्दा उठाया था. उन्होंने साल 2018 में रामसेतु को राष्ट्रीय धरोहर घोषित करने की याचिका सुप्रीम कोर्ट में मेंशन की थी. इसमें उन्होंने कहा था कि कोर्ट ने इस पर केन्द्र सरकार को नोटिस जारी किया था. इतने साल हो गए लेकिन सरकार ने अभी तक याचिका का जवाब दाखिल नहीं किया. हालांकि मोदी सरकार रामसेतु मामले पर अपना रुख पहले ही स्पष्ट कर चुकी है.
सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में अपना हलफनामा दाखिल कर सेतु समुद्रम परियोजना और राम सेतु के बारे में कहा था कि समुद्र में जहाजों की आवाजाही को सुगम बनाने के लिए प्रस्तावित सेतु समुद्रम परियोजना के लिए राम सेतु को कोई नुकसान नहीं पहुंचाया जाएगा. परियोजना के लिए सरकार कोई दूसरा वैकल्पिक मार्ग तलाशेगी. स्वामी ने अपनी याचिका में कहा है कि राम सेतु लाखों हिन्दुओं की आस्था से जुड़ा है. इसे न तोड़ा जाए और रामसेतु को राष्ट्रीय धरोहर घोषित किया जाए
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