यूनिटेक के पूर्व प्रमोटर संजय और अजय चंद्रा को तिहाड़ से मुंबई की जेल में ट्रांसफर किया जाए : सुप्रीम कोर्ट

ED ने 5 अप्रैल 16 अगस्त 2021 को दो स्टेटस रिपोर्ट दाखिल की थी, 16 अगस्त 2021 की स्टेटस रिपोर्ट में कहा था कि जेल परिसर में गैर कानूनी गतिविधियों के लिए इस्तेमाल किया गया. गवाहों को प्रभावित करने के लिए तिहाड़ परिसर का इस्तेमाल किया गया. इसमें तिहाड़ जेल के लोग भी शामिल हैं.

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संजय चंद्रा और अजय चंद्रा के मामले पर सुप्रीम कोर्ट सख्त
नई दिल्ली:

यूनिटेक के पूर्व प्रमोटर संजय चंद्रा और अजय चंद्रा पर सुप्रीम कोर्ट सख्त नाराज़ है. सुप्रीम कोर्ट ने संजय चंद्रा और अजय चंद्रा को तुरंत तिहाड़ जेल से मुंबई की ऑर्थर रॉड जेल और तलोजा सेंटर जेल में ट्रांसफर करने का निर्देश दिया. कोर्ट ने नाराज़गी जाहिर करते हुए कहा कि कानून से खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं करेंगे.  इस मामले में तिहाड़ जेल अधिकारियों की भूमिका की जांच के लिए दिल्ली पुलिस कमिश्नर को आदेश दिया गया  है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि संजय चंद्रा और अजय चंद्रा को जेल में कोई भी अतरिक्त सुविधा नहीं मिलेगी. दरअसल, ED ने 5 अप्रैल 16 अगस्त 2021 को दो स्टेटस रिपोर्ट दाखिल की थी, 16 अगस्त 2021 की स्टेटस रिपोर्ट में कहा था कि जेल परिसर में गैर कानूनी गतिविधियों के लिए इस्तेमाल किया गया. गवाहों को प्रभावित करने के लिए तिहाड़ परिसर का इस्तेमाल किया गया. इसमें तिहाड़ जेल के लोग भी शामिल हैं.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि दोनों भाइयों को तत्काल ट्रांसफर किया जाए.दोनों को अलग-अलग रखा जाएगा. कोर्ट ने तिहाड़ जेल अधिकारियों को यूनिटेक के निदेशक संजय चंद्रा और अजय चंद्रा के साथ मिलकर जेल मैनुअल का उल्लंघन करने, कार्यवाही को बाधित करने, जांच को पटरी से उतारने के लिए अवैध गतिविधियों में लिप्त होने के लिए भी फटकार लगाई. जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और  जस्टिस एमआर शाह की बेंच ने जेलकर्मियों  के खिलाफ कुछ आरोप लगाते हुए ईडी डायरेक्टर के पत्र के दस दिन बाद भी कोई कार्रवाई ना करने पर दिल्ली पुलिस से नाराजगी जाहिर की. अदालत ने दिल्ली पुलिस कमिश्नर को जेल की भूमिका की जांच के आदेश दिए.

ईडी ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि यूनीटेक प्रमोटर्स के दफ्तर में हमें तहखाना यानी गुप्त भूमिगत चेम्बर मिला, जो उन्होंने खासतौर पर बना रखा था. प्रमोटर्स की ओर से सीनियर एडवोकेट विकास सिंह ने कहा कि ग्रीनपार्क वाले ऑफिस की जानकारी हमने ही ईडी को दी थी. अब चंद्र बंधु डिफॉल्ट जमानत के हकदार हैं. ईडी तो बेवजह की एकतरफा दलीलें दे रही हैं, लेकिन कोर्ट से हमारा आग्रह है कि इनकी दलीलों से कोर्ट प्रभावित न हो. ईडी को तो हमारे खिलाफ कार्रवाई करने के सारे अख्तियार हैं. उन्हें तो कार्रवाई के लिए कोर्ट के आदेश मिलने तक की सब्र नहीं है. जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि आपको जेल में जैसी सुविधाएं मिली हुई हैं वो अन्य किसी को सुलभ नहीं हैं.

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