नई दिल्ली:
बिहार के बाहुबली नेता और पूर्व सांसद आनंद मोहन की रिहाई मामले में सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा कदम उठाया है. कोर्ट ने आनंद मोहन को अपने पासपोर्ट तुरंत सरेंडर करने के आदेश दिए हैं. साथ ही हर 15 दिन में स्थानीय पुलिस के पास रिपोर्ट करने को भी कहा है.
सुप्रीम कोर्ट ने हलफनामा दाखिल नहीं करने पर केंद्र को भी फटकार लगाई और एक हफ्ते में हलफनामा दाखिल करने का आखिरी मौका दिया. 27 फरवरी को इस मामले की अगली सुनवाई होगी.
ये याचिका गोपालगंज के तत्कालीन डीएम जी कृष्णैया की पत्नी उमा कृष्णैया की ओर से दायर की गई है. उमा कृष्णैया ने अपनी अर्जी में आरोप लगाया है कि बिहार सरकार ने 10 अप्रैल 2023 के संशोधन के जरिए पूर्वव्यापी प्रभाव से बिहार जेल नियमावली 2012 में संशोधन किया है.
याचिकाकर्ता ने कोर्ट में कहा कि ये पूर्वव्यापी प्रभाव उचित और विधिसम्मत नहीं है. हालांकि बिहार सरकार ने कोर्ट से कहा है कि आनंद मोहन की रिहाई नियमों के तहत ही हुई है.
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