सुप्रीम कोर्ट ने शंभू बॉर्डर को लेकर हरियाणा और पंजाब से दो टूक कह दिया है या तो दोनों राज्य राष्ट्र हित में किसानों के मुद्दे को सुलझाएं, वरना अदालत दखल देगी.SG ने कहा- समाधान ही सीमा को खोलना है.कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता के पास कुछ अच्छे सुझाव हैं, मान लीजिए कि अगर कोई एम्बुलेंस या वरिष्ठ नागरिकों को लेकर कोई कार आ रही है तो वे पैदल नहीं जा सकते. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि दोनों राज्य सरकारों को कहा कि हमारे सुझाव पर विचार करके हमें बताएं.फिलहाल शंभू बॉडर पर यथास्थिति बरकरार रहेगी. 12 अगस्त को अगली सुनवाई होगी.
इससे पहले हरियाणा की तरफ से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि पिछली सुनवाई के दौरान कोर्ट ने एक एक्सपर्ट का नाम देने को कहा था जो सरकार और आंदोलनकारी किसानों से बात कर सके. अभी नाम फाइनल करने में समय लग रहा है इसलिए शुक्रवार तक सुनवाई टाल दी जाए.
सुप्रीम कोर्ट ने हरियाणा और पंजाब सरकार से कहा कि हम इस मामले में समाधान चाहते हैं. हम बातचीत के मामले में बहुत सहज शुरुआत करना चाहते हैं. देश में बहुत अनुभवी लोग हैं. किसी तटस्थ व्यक्तित्व के बारे में सोचें. इससे किसानों में और अधिक आत्मविश्वास पैदा होगा. वे कहते रहते हैं कि जजों को भी शामिल किया जाना चाहिए. जज विशेषज्ञ नहीं होते, लेकिन पूर्व जज हैं और बार के सदस्य भी हो सकते हैं. इसे सुलझाने की कोशिश करें.
सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब सरकार को कहा- आप किसानों को क्यों नहीं समझाते. स्थिति को और खराब न करें. आपको उनकी भावनाओं को ठेस पहुंचाने की जरूरत नहीं है. लोकतांत्रिक व्यवस्था में उन्हें अपनी शिकायत कहने का अधिकार है. एसजी ने कहा कि राज्य यह नहीं कह सकता कि उन्हें जाने दो.किसान कह सकते हैं. एसजी तुषार मेहता ने कहा कि हम चर्चा करने और एक समिति गठित करने के लिए तैयार हैं. हमें एक सप्ताह का समय दें. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि दोनों राज्यों को समाधान करना चाहिए. सुप्रीम कोर्ट ने सुझाव दिया कि मेडिकल इमरजेंसी, महिलाओं और छात्रों को शंभू बॉडर के जरिए रास्ता देने पर विचार किया जाना चाहिए.