विवादो में नीट परीक्षा
- नीट पेपर लीक मामले में सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कहा कि उसने प्रश्नपत्र लीक की चिंताओं के कारण विवादों से घिरी राष्ट्रीय पात्रता-सह-प्रवेश परीक्षा-स्नातक (नीट-यूजी) 2024 परीक्षा को रद्द नहीं किया क्योंकि इसकी शुचिता में कोई प्रणालीगत चूक नहीं पायी गई है.
- CJI ने कहा कि कमेटी एक मजबूत शिकायत निवारण तंत्र की सिफारिश करेगी. कमेटी डेटा सुरक्षा प्रोटोकॉल की सिफारिश करेगी ताकि सभी संवेदनशील जानकारी सुरक्षित रहे और लीक से भी बचा जा सके. लीक केवल पटना और हजारी बाग में ही हुआ. सुप्रीम कोर्ट ने दोहराया कि पूरी परीक्षा की गरिमा प्रभावित नहीं हुई. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि भविष्य में ऐसी घटना ना हो, इसके लिए कड़े कदम उठाए जाएं और परीक्षा केंद्र में CCTV निगरानी हो.
- इलेक्ट्रॉनिक फिंगरप्रिंट रिकॉर्ड किए जाएंगे.साइबर सुरक्षा और संवेदनशीलता ऑडिट किए जाने चाहिए और साइबर सुरक्षा उपायों के नवीनतम रुझानों का पालन किया जाना चाहिए. केंद्र सरकार ने कोर्ट को बताया था कि भविष्य में प्रतियोगी परीक्षाओं में NEET जैसी गड़बड़ी को रोकने के लिए इसरो के पूर्व चेयरमैन के राधाकृष्णन की अध्यक्षता में कमिटी गठित होगी. कोर्ट ने आज उसी कमेटी का दायरा तय किया है.
- नीति और हितधारक जुड़ाव का ध्यान रखा जाना चाहिए ताकि NTA जो भी मुद्दे उत्पन्न हों, उन्हें संभालने में सक्षम हो. दिव्यांगों के लिए प्रवेश में बाधा कम करने के लिए उपायों की सिफारिश करें ताकि समानता हो.
- CJI ने कहा कि कमेटी छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य सहायता कार्यक्रमों के लिए योजनाओं की सिफारिश करेगी और छात्रों पर मनोवैज्ञानिक प्रभाव का आकलन भी करेगी. हमने NTA की संरचनात्मक प्रक्रियाओं में सभी कमियों को उजागर किया है.हम छात्रों की बेहतरी के लिए इसे बर्दाश्त नहीं कर सकते.
- एनटीए सदस्यों, परीक्षकों, कर्मचारियों आदि के प्रशिक्षण की व्यवहार्यता पर विचार करेगी ताकि सभी परीक्षा की अखंडता को अच्छी तरह से संभालने के लिए सुसज्जित हों.
- CJI : इस फैसले पर विचार करने के लिए समिति को अतिरिक्त समय की आवश्यकता हो सकती है. कमेटी 30 सितंबर, 2024 तक एक रिपोर्ट तैयार करेगी.
- शिक्षा मंत्रालय एक महीने में लागू किए जाने वाले कार्यक्रम को तैयार करेगा और फिर उक्त निर्णय के दो सप्ताह बाद अदालत को विकास की जानकारी देगा. CJI ने कहा कि हम इस निष्कर्ष पर पहुंचे हैं कि पेपर का कोई सिस्टेमैटिक ब्रीच नहीं हुआ था. लीक केवल पटना और हजारीबाग तक ही सीमित था.
- SC ने पेपर लीक, गलत प्रश्नपत्र के वितरण और भौतिकी के एक प्रश्न के गलत विकल्प के लिए अंक देने के मामले में राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी की ढुलमुल नीति की आलोचना की.
- एग्जाम देने वाले कैंडिडेट की पहचान सुनिश्चित करना जरूरी है और पेपर लीक को रोकने के लिए स्टोरेज के लिए SOP तैयार करना भी. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर किसी की शिकायत का निवारण SC के फैसले से हुआ है तो वो HC जा सकता है. हमारा निष्कर्ष है कि पेपर लीक सिस्टेमेटिक नहीं है. पेपर लीक व्यापक स्तर पर नहीं हुआ है. NTA को आगे के लिए ध्यान रखना चाहिए. इस इस तरह की लापरवाही से बचना चाहिए. हम NEET की दुबारा परीक्षा की मांग को खारिज कर रहे है.
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