मणिपुर हिंसा : SC ने मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह की कथित ऑडियो क्लिप पर 6 हफ्ते में CFSL रिपोर्ट मांगी

कुकी ऑर्गनाइजेशन फॉर ह्यूमन राइट्स द्वारा याचिका दायर की गई है. इसमें मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह पर राज्य में जातीय हिंसा भड़काने का आरोप लगाया गया है.

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मणिपुर हिंसा से जुड़े मामले में सुप्रीम कोर्ट ने मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह की कथित ऑडियो क्लिप पर CFSL रिपोर्ट मांगी है. 6 हफ्ते के भीतर सील कवर में ये रिपोर्ट मांगी गई है. कोर्ट ने मणिपुर सरकार से कहा कि सुनिश्चित करिए कि ये एक और मुद्दा ना बने. ⁠24 मार्च से शुरू होने वाले हफ्ते में इस पर सुनवाई  होगी.

बता दें कि कुकी ऑर्गनाइजेशन फॉर ह्यूमन राइट्स द्वारा याचिका दायर की गई है. इसमें मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह पर राज्य में जातीय हिंसा भड़काने का आरोप लगाया गया है. इसमें कुछ लीक हुए ऑडियो क्लिप की अदालत की निगरानी में जांच की मांग की गई है, जिसमें सीएम कथित तौर पर कह रहे हैं कि उन्होंने मैतियों को हिंसा भड़काने की अनुमति दी और उन्हें बचाया. याचिकाकर्ताओं की ओर से वकील प्रशांत भूषण पेश हुए और कहा कि जो टेप रिकॉर्डिंग सामने आई हैं वे बहुत गंभीर है.

एक लैब ने  पुष्टि की है कि 93 फीसदी आवाज मणिपुर के सीएम की हैं. SG तुषार मेहता राज्य की ओर से पेश हुए. उन्होंने कि उन्होंने ट्विटर पर साझा की गई रिकॉर्डिंग को CFSL लैब को भेज दिया है.  निजी प्रयोगशालाओं पर भरोसा नहीं किया जा सकता है. एसजी ने कहा कि याचिकाकर्ता को पहले हाईकोर्ट का रुख करना चाहिए. एसजी ने यह भी बताया कि मामले के संबंध में एफआईआर दर्ज कर ली गई है और जांच चल रही है. जांच एजेंसी ने सत्यापन के लिए उन ट्विटर अकाउंट से भी संपर्क किया है, जिन्होंने आवाजें अपलोड की थीं. टेप को फोरेंसिक जांच के लिए भेजा गया है.

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SG ने याचिकाकर्ता पर सवाल उठाते हुए कहा कि  कि याचिकाकर्ता कुछ "वैचारिक बोझ" लेकर चल रहा है, जिसमें 'x`अलगाववादी मानसिकता' है. उन्होंने कहा कि यहां तक ​​कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित जजों के पैनल ने भी कुछ सिविल सोसाइटी संगठनों ने चिंता जताई है.

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