गुजरात रेलवे लाइन पर 5000 झुग्गियों को तोड़ने पर फिलहाल रोक बरकरार रहेगी : सुप्रीम कोर्ट

वकील कॉलिन गोंजाल्विस ने सुप्रीम कोर्ट में CJI एनवी रमना की बेंच को बताया कि हाईकोर्ट ने 2016 से लगाई रोक हटा ली है. सरकार ने इन झुग्गियों को तोड़ने की तैयारी की है. लिहाजा सुप्रीम कोर्ट इस तोड़फोड़ पर रोक लगाए.

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गुजरात रेलवे लाइन पर 5000 झुग्गियों को हटाने को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने कही ये बात
नई दिल्ली:

गुजरात में रेलवे लाइन पर 5000 झुग्गियों को तोड़ने पर रोक फिलहाल बरकरार रहेगी. सुप्रीम कोर्ट मामले की सुनवाई 1 सितंबर को करेगा. तब तक तोड़फोड़ नहीं होगी. मंगलवार को तोड़फोड पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी थी. कोर्ट ने केंद्र, रेलवे और गुजरात सरकार को नोटिस जारी किया है. कोर्ट ने यथास्थिति बरकरार रखने के आदेश दिए हैं.

दरअसल, सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल कर  यह आरोप लगाया गया है  कि सरकार आज रात तक झुग्गियों को गिराने करने के लिए तैयार है.  वकील कॉलिन गोंजाल्विस ने सुप्रीम कोर्ट में CJI एनवी रमना की बेंच को बताया कि हाईकोर्ट ने 2016 से लगाई रोक हटा ली है. सरकार ने इन झुग्गियों को तोड़ने की तैयारी की है. लिहाजा सुप्रीम कोर्ट इस तोड़फोड़ पर रोक लगाए. कोर्ट ने राज्य को नोटिस जारी किया और मामले को गुरुवार के लिए सूचीबद्ध किया.

गौरतलब है कि गुजरात में सूरत- जलगांव रेलवे लाइन पर 10 किलोमीटर के दायरे में बसी इन झुग्गियों को हटाने की कार्यवाही प्रस्तावित है. झुग्गियों के लोग इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट पहुंचे हैं और आरोप लगाया है कि रेलवे बिना किसी नोटिस और पुर्नवास के उन्हें हटाना चाहता है.
 

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