सुप्रीम कोर्ट में पीठ के आदेश के बावजूद तय समय पर मुकदमों को सूचीबद्ध न किए जाने पर जस्टिस एमआर शाह ने नाराजगी जताई. रजिस्ट्री को मनमाना रवैया अपनाने पर जस्टिस शाह ने कहा कि बिना पीठ की निगाह में लाए रजिस्ट्री उन मामलों को अपने आप कॉज लिस्ट से डिलीट कर देता है, जो पीठ ने किसी नियत दिन सुनवाई के लिए निश्चित किया होता है. जस्टिस शाह ने कोर्ट मास्टर को संबोधित करते हुए कहा कि वो (रजिस्ट्री ) कौन होते हैं, तय करने करने वाले? उनका इससे कोई लेना-देना नहीं है. ये उनका काम ही नहीं है कि क्या डिलीट होगा क्या होगा. बेंच तय करती है तो उसी मुताबिक रजिस्ट्री काम करती है. हम तय करेंगे, लेकिन वो कहते हैं कि ज्यादा मैटर थे इसलिए हमने डिलीट कर दिया. ये कोई तरीका है उनके काम करने का? रजिस्ट्री के अधिकारियों के रवैए से नाराज जस्टिस शाह ने कहा कि ये नहीं चलेगा, वो तय नहीं करेंगे, वो मास्टर नहीं हैं, हम मास्टर हैं.
दरअसल, जस्टिस एमआर शाह और जस्टिस बी वी नागरत्ना की पीठ के सामने सीनियर एडवोकेट अरविंद दातार ने मुकदमा डिलीट होने और रजिस्ट्री के अधिकारियों के बारे में बताते हुए कहा कि वो कह रहे हैं कि मैटर ज्यादा होने की वजह से डिलीट हुए हैं. अब जब मैटर लिस्ट होगा ये पता नहीं तो जस्टिस शाह ने कहा कि हम पहले से ही मामलों की बंचिंग करके रखते हैं.
इसके बाद जस्टिस शाह ने रजिस्ट्री के अधिकारियों को दोपहर 1.45 बजे अपने चेंबर में पेश होने को भी कहा. खुली अदालत में जस्टिस शाह ने कोर्ट मास्टर से कहा कि उनको बोलिए कि साहब पौने दो बजे बुला रहे हैं.
ये Video भी देखें : महाराष्ट्र में मंत्रिमंडल का कल हो सकता है विस्तार, इन चेहरों को मिल सकती है जिम्मेदारी