छत्तीसगढ़ आदिवासी आरक्षण के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ राज्य सरकार की याचिका पर नोटिस जारी किया है. सुप्रीम कोर्ट ने गुरु घासी दास साहित्य एवं संस्कृति एकडेमी को यह नोटिस जारी किया है. सुप्रीम कोर्ट मामले की अगली सुनवाई 1 दिसंबर को करेगा. दरअसल, छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने 19 सितम्बर को आरक्षण पर बड़ा फैसला देते हुए राज्य के लोक सेवा आरक्षण अधिनियम को रद्द कर दिया था. इसकी वजह से अनुसूचित जनजाति का आरक्षण 32% से घटकर 20% पर आ गया है, वहीं अनुसूचित जाति का आरक्षण 13% से बढ़कर 16% और अन्य पिछड़ा वर्ग का आरक्षण 14% हो गया है.
गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ में आदिवासी आरक्षण में कटौती के मुद्दे को लेकर बीजेपी बेहद मुखर है. आदिवासी आरक्षण में कटौती के विरोध में पार्टी ने बुधवार को राज्य भर में चक्का जाम किया था. भाजपा नेताओं ने बताया कि आदिवासी आरक्षण में कटौती के विरोध में भाजपा अनुसूचित जनजाति मोर्चा के साथ मिलकर पार्टी के नेताओं ने अलग-अलग जगहों पर चक्का जाम किया.
इस बीच, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आदिवासी वर्ग को भरोसा दिलाया है कि हाईकोर्ट के आदेश के बाद 32 से 20 प्रतिशत हुए आरक्षण को बहाल करने सरकार हरसंभव प्रयास कर रही है. इसके लिए महाराष्ट्र, तमिलनाडु,कर्नाटक में आरक्षण की विधिक स्थिति का अध्ययन करने अधिकारियों और सामाजिक कार्यकर्ता का दल जल्द जाएगा. सीएम ने यह भी कहा कि आदिवासियों के हित और उनके संरक्षण के लिए संविधान में जो भी प्रावधान है, उसका सरकार पालन कर रही है. हमारी साफ मंशा है कि संविधान द्वारा अनुसूचित जनजाति वर्ग को प्रदान किए गए सभी संवैधानिक अधिकार उन्हें मिलें.
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