सुप्रीम कोर्ट ने LG और हेल्थ सेक्रेट्री को जारी किया नोटिस, 'फरिश्ते' योजना के लिए फंड जारी करने का निर्देश

सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार की याचिका (Supreme Court On Farishte Scheme) पर शुक्रवार को उपराज्यपाल के कार्यालय और अन्य से जवाब देने को कहा और ‘फरिश्ते दिल्ली के’ योजना के लिए निधि जारी किए जाने का भी अनुरोध किया.

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नई दिल्ली:

दिल्ली सरकार की 'फरिश्ते' योजना का मामला सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court On Farishte Scheme) पहुंच गया है. केजरीवाल सरकार ने अदालत से गुहार लगाते हुए कहा कि जनहित में योजना को फिर से शुरू करवाया जाए. केजरीवाल सरकार के मुताबिक दिल्ली के हेल्थ सेक्रेट्री SB दीपक कुमार ने पिछले 1 साल से इस योजना को ठप कर दिया है, इसीलिए उन पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाए. जिसके बाद  सुप्रीम कोर्ट ने LG और हेल्थ सेक्रेट्री को नोटिस जारी किया.

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फरिश्ते योजना के तहत अब तक हुआ 23 हजार लोगों का इलाज

बता दें कि फरिश्ते योजना केजरीवाल सरकार की बेहद अहम योजना है, इसके तहत दिल्ली में कोई भी सड़क पर घायल होता है तो प्राइवेट अस्पताल में इलाज का सारा खर्च दिल्ली सरकार उठाती है. इस योजना को दिल्ली सरकार ने 2018 में शुरू किया था. इस योजना के तहत अब तक 23,000 लोग सड़क दुर्घटना में घायल होने के बाद प्राइवेट अस्पताल में अपना मुफ़्त इलाज करवा चुके हैं.

LG ऑफिस से फंड रिलीज करने की अपील

सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली की आम आदमी पार्टी (आप) सरकार की याचिका पर शुक्रवार को उपराज्यपाल के कार्यालय और अन्य से जवाब देने को कहा और  ‘फरिश्ते दिल्ली के' योजना के लिए निधि जारी किए जाने का भी अनुरोध किया. न्यायमूर्ति बी.आर. गवई और न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया की पीठ ने उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना, दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय और अन्य को नोटिस जारी किया और उनसे याचिका पर जवाब देने को कहा. 

ये सामाजिक कल्याण का मामला, राजनीति शामिल नहीं-सिंघवी

पीठ ने कहा, "हमें यह समझ नहीं आता कि सरकार की यह एक शाखा सरकार की दूसरी शाखा से लड़ रही है, नोटिस जारी किया जाए." दिल्ली सरकार की पैरवी कर रहे वरिष्ठ वकील अभिषेक सिंघवी ने कहा कि इस योजना के तहत सड़क दुर्घटना के 23,000 मामलों को कवर किया गया है. सिंघवी ने कहा, "मैं पत्र लिखता रहता हूं और (निधि) मांगता रहता हूं. वे भुगतान रोक देते है. यह पूरी तरह से सामाजिक कल्याण का मामला है और इसमें कोई राजनीति शामिल नहीं है." 

‘फरिश्ते दिल्ली के' योजना लोगों को सड़क दुर्घटनाओं में घायल हुए लोगों को बचाने के लिए प्रोत्साहित करती है. इसके तहत, सरकार उन लोगों के अस्पताल के बिल का भुगतान करती है, जो शहर में दुर्घटनाओं का शिकार हुए हैं.

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