मामले को लंबा खींचने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने हत्‍या के आरोपी सिपाही को लगाई फटकार, एक लाख रु. का जुर्माना ठोका

CJI रमना ने टिप्पणी भी की कि ये दुर्भाग्यपूर्ण परिस्थिति है. आरोपी व्यवस्था का दुरुपयोग कर कानूनी दांवपेंच लगाकर अब तक फायदा उठाता रहा है.

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सुप्रीम कोर्ट ने ट्रायल कोर्ट को तीन माह में मामले की सुनवाई पूरी करने का निर्देश दिया है (प्रतीकात्‍मक फोटो)
नई दिल्ली:

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने हत्या के आरोपी सिपाही को फटकार लगाते हुए मामले को अदालत में लंबा खींचने के चलते कड़ा रुख अपनाया है. इसके साथ ही कोर्ट ने सिपाही पर एक लाख रुपए जुर्माना भी लगाया. मुख्‍य न्‍यायाधीश (CJI) एनवी रमना की बेंच ने उस आरोपी सिपाही की आरोप से मुक्त कर नौकरी पर बहाली की अर्जी खारिज भी कर दी. इस सिपाही पर अपनी बीवी की हत्या का आरोप है. इस आरोप में वो नौकरी से निलंबित भी किया गया है लेकिन पिछले 14 साल से वो मामले को अदालत में घसीट रहा है.

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CJI रमना ने टिप्पणी भी की कि ये दुर्भाग्यपूर्ण परिस्थिति है. आरोपी व्यवस्था का दुरुपयोग कर कानूनी दांवपेंच लगाकर अब तक फायदा उठाता रहा है. आरोपी सिपाही पर दहेज के लिए पत्नी की हत्या का मुकदमा 2007 में दर्ज किया गया था. CJI ने सिपाही के वकील को झिड़कते हुए कहा कि वो सिपाही है और दहेज के लिए पत्नी की हत्या का आरोपी भी. उसे तो बर्खास्त कर फ़ौरन जेल में डालना चाहिए.यह सिस्टम का दुर्भाग्य है. सुप्रीम कोर्ट ने ट्रायल कोर्ट को तीन महीने में इस मामले की सुनवाई पूरी करने का निर्देश दिया.

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