- आईआईटी खड़गपुर और शारदा यूनिवर्सिटी में आत्महत्या का मुद्दा
- सुप्रीम कोर्ट ने ऐसी घटनाओं का लिया स्वत: संज्ञान
- अदालत ने पूछा, संस्थानों ने ऐसी घटनाएं रोकने के क्या कदम उठाए
ग्रेटर नोएडा की शारदा यूनिवर्सिटी और आईआईटी खड़गपुर में छात्रों की आत्महत्या से जुड़ा मामला सुप्रीम कोर्ट में भी गूंजा. सुप्रीम कोर्ट ने आईआईटी खड़गपुर से पूछा कि छात्र आत्महत्या क्यों कर रहे हैं? संस्थान क्या कर रहा है? सुप्रीम कोर्ट ने शारदा यूनिवर्सिटी के मैनेजमेंट को कोर्ट के दिशानिर्देशों का पालन न करने के लिए फटकार लगाई. सुप्रीम कोर्ट आईआईटी खड़गपुर और शारदा विश्वविद्यालय में छात्रों की आत्महत्याओं के स्वतः संज्ञान मामले की सुनवाई कर रहा था.
सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल दोनों राज्यों की पुलिस को चार हफ़्तों में स्टेटस रिपोर्ट देने का निर्देश दिया. शारदा यूनिवर्सिटी के मामले में अमाइकस अपर्णा भट्ट ने अदालत को बताया कि लडकी के पिता ने एफआईआर दर्ज कराई थी. एक सुसाइड नोट मिला है। दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है. सुप्रीम कोर्ट ने सवाल उठाया कि -कॉलेज के छात्रों ने पिता को बताया कि उनकी बेटी ने आत्महत्या कर ली है?
मैनेजमेंट ने क्यों नहीं बताया? मैनेजमेंट ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन क्यों नहीं किया? क्या पुलिस और अभिभावकों को सूचित करना मैनेजमेंट का कर्तव्य नहीं है? सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम इस बारे में और कुछ नहीं कहेंगे क्योंकि जाँच चल रही है. आईआईटी खड़गपुर मामले मे अमाइकस अपर्णा भट्ट ने कहा कि पुलिस ने उन्हे कोई जानकारी नहीं दी.