देशभर में ईसाई संस्थानों पर हमले को लेकर SC में सुनवाई, केंद्र ने कहा- आरोपों में कोई दम नहीं

केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से कोर्ट में दाखिल हलफनामे के मुताबिक- याचिका में जिन घटनाओं का जिक्र है, वो गलत नजरिए से रिपोर्ट की गई हैं.  वो ईसाइयों को निशाना बनाकर हुए हमले नहीं हैं. उनके पीछे की वजह अलग-अलग रही हैं.

विज्ञापन
Read Time: 11 mins
देशभर में ईसाई संस्थानों और पादरियों पर बढ़ते हमलों का आरोप लगाने वाली याचिका सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई

देशभर में ईसाई संस्थानों और पादरियों पर बढ़ते हमलों का आरोप लगाने वाली याचिका सुप्रीम कोर्ट  में सुनवाई हुई. केंद्र सरकार ने ईसाइयों पर हमले की घटनाओं का खंडन किया और कहा कि इन आरोपों में कोई दम नहीं है. मीडिया में आई ऐसी कुछ रिपोर्ट झूठ पर आधारित राजनीति और एजेंडे से प्रेरित हैं.  केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से कोर्ट में दाखिल हलफनामे के मुताबिक- याचिका में जिन घटनाओं का जिक्र है, वो गलत नजरिए से रिपोर्ट की गई हैं.  वो ईसाइयों को निशाना बनाकर हुए हमले नहीं हैं. उनके पीछे की वजह अलग-अलग रही हैं. कुछ मामले निजी रंजिश वाले हैं. कुछ आपराधिक होड़ तो कुछ में लेनदेन से संबंधित भी थे,  यानी ईसाई होने के नाते हमले का शिकार होने जैसी बात जांच में नहीं मिली. जांच से पता चला कि अधिकतर मामलों में पुलिस ने फौरन एक्शन भी लिया और नियमानुसार जांच पड़ताल की.  किसी घटना में ऐसा तथ्य नहीं मिला कि पीड़ित को ही दंडित किया गया हो. सुप्रीम कोर्ट याचिकाकर्ता के वकील को हलफनामा पढ़ने के लिए वक्त दिया. दो हफ्ते बाद सुनवाई होगी.

पिछली सुनवाई में अदालत ने सुनवाई में देरी करने की मीडिया में आई खबरों पर नाखुशी जताई थी. मामला टाले जाने पर जजों को निशाना बनाने पर सुप्रीम कोर्ट के जज ने नाराजगी जताई. जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ मामले को सुनवाई से टाले जाने पर जजों को निशाना बनाने पर आपत्ति जताई  है. उन्होंने कहा कि हमें निशाना बनाने की भी एक सीमा होती है. हम जजों को ब्रेक दीजिए, मैं कोविड की चपेट में था और इसलिए मामले को टाल दिया गया. मैंने खबरों में पढ़ा कि जज इसकी सुनवाई नहीं कर रहे हैं. हमें निशाना बनाने की एक सीमा होती है. दरअसल, एक वकील ने आज ईसाइयों पर हमले से संबंधित एक मामले पर जल्द सुनवाई की मांग की थी.

जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि जजों द्वारा मामले को नहीं  सुने जाने की मीडिया में आलोचना की गई. दरअसल, नेशनल सॉलिडेरिटी फोरम, द इवेंजेलिकल फेलोशिप ऑफ इंडिया के साथ बंगलौर डायोसीज के आर्कबिशप डॉ पीटर मचाडो ने ये याचिका दायर की है. याचिकाकर्ताओं ने कहा है कि उनकी याचिका विजिलेंट ग्रुप और दक्षिणपंथी संगठनों के सदस्यों द्वारा देश के ईसाई समुदाय के खिलाफ "हिंसा की भयावह घटना" और "लक्षित हेट स्पीच" के खिलाफ है.

इस तरह की हिंसा अपने ही नागरिकों की रक्षा करने में राज्य तंत्र की विफलता के कारण बढ़ रही है.  केंद्र और राज्य सरकारों और अन्य राज्य मशीनरी द्वारा उन समूहों के खिलाफ तत्काल और आवश्यक कार्रवाई करने में विफलता है, जो ईसाई समुदाय के खिलाफ व्यापक हिंसा और हेट का कारण बने हैं, जिसमें उनके पूजा स्थलों और उनके द्वारा संचालित अन्य संस्थानों पर हमले शामिल हैं.

Advertisement
Featured Video Of The Day
Sambhal Jama Masjid Clash | नेताओं के चक्कर में भविष्य बर्बाद मत करो: संभल SP | UP News | NDTV India
Topics mentioned in this article