मध्य प्रदेश के इंदौर में कोर्ट की कार्रवाई की वीडियो बनाने के आरोप में गिरफ्तार 21 वर्षीया महिला लॉ इंटर्न सोनू मंसूरी को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल गई है. सुप्रीम कोर्ट में सोनू मंसूरी को निचली अदालत में 5 हजार रुपये का बॉन्ड जमा करने का आदेश दिया है. 28 जनवरी को सोनू मंसूरी को गिरफ्तार किया गया था.
याचिकाकर्ता ने शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाते हुए आरोप लगाया था कि उस पर इंदौर कोर्ट परिसर और पुलिस में एक समूह ने हमला किया था. पुलिस ने बजाए बदमाशों के खिलाफ कार्रवाई करने के उसे ही अरेस्ट कर लिया. वहीं, मध्य प्रदेश सरकार की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल केएम नटराज ने बुधवार को स्वीकार किया कि मंसूरी को जमानत पर रिहा किया जा सकता है.
एएसजी ने कहा, “हालांकि उसकी जमानत अर्जी खारिज कर दी गई है, लेकिन मैं रास्ते में नहीं खड़ा होना चाहता. कृपया उसे जमानत पर रिहा करें." दरअसल ‘पठान' फिल्म के विरोध के दौरान कस्तूरी सिनेमा पर आपत्तिजनक नारे लगाने के आरोप में गिरफ्तार हिन्दू संगठन बजरंग दल से जुड़े कार्यकर्ताओं की कोर्ट में पेशी थी. इस पेशी दौरान सोनू मंसूरी कथित तौर पर कोर्ट की कार्यवाही का वीडियो बना रही थी.
आस-पास मौजूद अन्य वकीलों की नजर उस पर गई, तो उन्होंने पूछताछ की. आरोप के मुताबिक, सोनू मंसूरी कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे पाई. याचिकाकर्ताओं का प्रतिनिधित्व करने वाले सीनियर एडवोकेट दुष्यंत दवे ने कहा कि एएसजी ने "बहुत निष्पक्ष" रुख अपनाया है.
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