न्याय के लिए 19 साल तक दर-दर भटकता रहा पिता, अब सुप्रीम कोर्ट से मिला इंसाफ

मामला 2002 का है जब यूपी पुलिस ने मुठभेड़ में एक व्यक्ति को मार गिराया था. इसके बाद 2005 में पुलिस द्वारा अपने ही अधिकारियों के खिलाफ आरोपों को खारिज करते हुए एक क्लोजर रिपोर्ट दाखिल की गई.

विज्ञापन
Read Time: 16 mins
19 साल बाद सुप्रीम कोर्ट से मिला इंसाफ. (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:

19 साल से अपने बेटे को मुठभेड़ में मारे जाने के पुलिसिया दावे के खिलाफ एक पिता सिस्टम से लड़ता रहा, लेकिन उसे इंसाफ नहीं मिला. अब सुप्रीम कोर्ट ने 19 साल पुराने मुठभेड़ में मारे गए युवक के मामले में उत्तर प्रदेश राज्य पर 7 लाख रुपए का अंतरिम जुर्माना लगाया है. शीर्ष अदालत ने राज्य के अपने ही पुलिस अधिकारियों को बचाने के प्रयास को अनुचित बताया है. जस्टिस विनीत शरण और जस्टिस अनिरुद्ध बोस की पीठ ने कहा कि राज्य ने इस मामले में जिस ढिलाई से कार्रवाई की है, उससे पता चलता है कि कैसे राज्य मशीनरी द्वारा उत्तर प्रदेश के पुलिस अधिकारियों का बचाव किया जा रहा है. 

पीठ ने कहा कि याचिकाकर्ता यशपाल सिंह जो पुलिस द्वारा एक कथित मुठभेड़ में मारे गए युवक  के पिता हैं, पिछले 19 वर्षों से दर-दर भटक रहे हैं. वर्तमान मामले में राज्य ने जिस ढिलाई के साथ करवाई की है, वह बताता है कि कैसे राज्य मशीनरी अपने पुलिस अधिकारियों का बचाव कर रही है. यह कहते हुए सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार को कोर्ट रजिस्ट्री में 7 लाख जमा करने का निर्देश दिया है. याचिकाकर्ता इस राशि को लेने का हकदार होगा. 

मामला 2002 का है जब यूपी पुलिस ने मुठभेड़ में एक व्यक्ति को मार गिराया था. इसके बाद 2005 में पुलिस द्वारा अपने ही अधिकारियों के खिलाफ आरोपों को खारिज करते हुए एक क्लोजर रिपोर्ट दाखिल की गई. ट्रायल कोर्ट ने क्लोजर रिपोर्ट को खारिज कर दिया, लेकिन इसके बावजूद कोई गिरफ्तारी नहीं हुई. इलाहाबाद हाईकोर्ट द्वारा रिट याचिकाओं और अभियुक्तों द्वारा धारा-482 के तहत FIR रद्द करने की याचिकाओं को खारिज करने के बाद भी यह स्थिति जारी रही. 

Advertisement

हालांकि, निचली अदालत ने 2018 और 2019 में आरोपी पुलिस अधिकारियों को वेतन का भुगतान रोकने के आदेश पारित किए थे, लेकिन आदेश का पालन नहीं किया गया. इसके बाद यह भी पाया गया कि चौथा आरोपी जो फरार था, उसे 2019 में उसकी सेवानिवृत्ति पर उसके सभी सेवानिवृत्ति बकाया का भुगतान भी कर दिया गया था. एक सितंबर, 2021 में सुप्रीम कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद दो गिरफ्तारियां हुईं और एक आरोपी ने आत्मसमर्पण कर दिया.

Advertisement

यह भी पढ़ें

Featured Video Of The Day
Gurugram के Medanta Hospital के ICU में Air Hostess के साथ दुष्कर्म
Topics mentioned in this article