सुप्रीम कोर्ट ने माओवादी लिंक पर केरल के 2 छात्रों को दी बड़ी राहत, एक को जमानत

जस्टिस यूयू ललित और जस्टिस अजय रस्तोगी की पीठ ने याचिका को एलन शुहैब के सह-आरोपी पत्रकारिता के छात्र थवा फसल द्वारा दायर याचिका के साथ टैग किया था जिसने केरल उच्च न्यायालय के उस फैसले को चुनौती दी थी, जिसने स्पेशल एनआईए कोर्ट द्वारा दी गई जमानत को रद्द कर दिया था.

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सुप्रीम कोर्ट ने UAPA से जुड़े मामले में केरल के दो छात्रों को बड़ी राहत दी है. (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने UAPA से जुड़े मामले में केरल (Kerala) के दो छात्रों को बड़ी राहत दी है. कोर्ट ने पत्रकारिता के छात्र थवाहा फ़सल को जमानत दे दी है, जबकि कानून के दूसरे छात्र एलन शुहैब की जमानत  बरकरार रखी है. कथित माओवादी संबंधों को लेकर दोनों छात्र यूएपीए के तहत राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) के आरोप झेल रहे हैं और उनकी जांच का सामना कर रहे हैं.

जस्टिस अजय रस्तोगी और जस्टिस एएस ओका की बेंच ने  23 सितंबर को फैसला सुरक्षित रख लिया था. इससे पहले कोर्ट ने केरल हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती देने वाली राष्ट्रीय जांच एजेंसी द्वारा दायर याचिका पर नोटिस जारी किया था. 

जस्टिस यूयू ललित और जस्टिस अजय रस्तोगी की पीठ ने याचिका को एलन शुहैब के सह-आरोपी पत्रकारिता के छात्र थवा फसल द्वारा दायर याचिका के साथ टैग किया था जिसने केरल उच्च न्यायालय के उस फैसले को चुनौती दी थी, जिसने स्पेशल एनआईए कोर्ट द्वारा दी गई जमानत को रद्द कर दिया था.

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इस साल 4 जनवरी को केरल उच्च न्यायालय द्वारा पारित फैसले के खिलाफ याचिकाएं दायर की गई हैं, जिसने विशेष एनआईए अदालत के निष्कर्षों को पलट दिया कि आरोप पत्र से आरोपी के खिलाफ कोई प्रथम दृष्टया मामला नहीं बनता है जबकि उच्च न्यायालय ने फसल को दी गई जमानत को रद्द कर दिया और उसे आत्मसमर्पण करने के लिए कहा था.

विशेष अदालत ने पिछले साल सितंबर में दिए अपने आदेश में कहा था कि आरोपी के खिलाफ प्रथम दृष्टया कोई मामला नहीं बनता है, जिससे गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम की धारा 43डी(5) को आकर्षित किया जा सके.

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विशेष अदालत ने कहा था कि मामले की सामग्री, अधिक से अधिक, यह सुझाव देती है कि अभियुक्तों का माओवादी झुकाव था, लेकिन उन्हें किसी भी तरह की हिंसा या हिंसा को उकसाने में शामिल नहीं पाया गया. अप्रैल में, सुप्रीम कोर्ट ने फसल की याचिका में मौखिक रूप से नोटिस जारी किया था कि ट्रायल कोर्ट ने भी समान रूप से तर्कसंगत आदेश पारित किया है. 

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पहली बार नवंबर 2019 में केरल पुलिस ने मामला दर्ज किया था, जिसने एलन शुहैब और फसल को यह आरोप लगाते हुए गिरफ्तार किया था कि उनके माओवादी संगठनों से संबंध थे. बाद में एनआईए ने मामले को अपने हाथ में ले लिया.

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