सुप्रीम कोर्ट ने यासीन मलिक की कोर्ट में व्यक्तिगत पेशी पर नाराजगी जताई. इसको लेकर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जब वर्चुअल तरीके से पेशी हो सकती है तो फिर जेल से यासीन को क्यों लाया गया ? सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि अदालत ने यासीन को पेश करने का आदेश नहीं दिया है. वहीं, आज सुनवाई के दौरान केंद्र ने भी यासीन मलिक की पेशी परआपत्ति जतायी.
यासीन मलिक को जेल से बाहर नहीं ले जाने का आदेश
एसजी तुषार मेहता ने कहा यासीन मलिक व्यक्तिगत तौर पर पेश होने यहां आ पहुंचे. जबकि गृह मंत्रालय का आदेश है कि वह जेल से बाहर नहीं आ सकते. उन्होने कहा कि गृह मंत्रालय ने अपराध प्रक्रिया संहिता की धारा 268 के तहत यासीन मलिक को जेल से बाहर नहीं ले जाने का आदेश पारित किया था.
जस्टिस सूर्यकांत और दीपांकर दत्ता की बेंच सुनवाई से हुए अलग
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जब वर्चुअल मोड है तो यहां लाने की जरूरत क्या थी.जेल प्रशासन यासीन मलिक को कोर्ट में क्यों लाया? सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस दीपांकर दत्ता की बेंच ने सुनवाई से खुद को अलग कर लिया. जिसके बाद इस मामले को CJI के पास भेजा गया. अब चार हफ्ते बाद मामले की सुनवाई होगी .
टेरर फंडिंग केस में यासीन मलिक तिहाड़ जेल काट रहा उम्रकैद
आपको बता दें कि टेरर फंडिंग मामले में यासीन मलिक तिहाड़ जेल में उम्रकैद की सजा काट रहा है. टेरर फंडिंग केस में यासीन मलिक को साल 2019 में गिरफ्तार किया गया था. जिसके बाद एनआईए कोर्ट ने पिछले साल 24 मई को यासीन मलिक को उम्रकैद की सजा सुनाई थी.