BSP नेता अनुपम दुबे को 27 साल पुराने हत्‍या मामले में SC से राहत, बेल पर रिहाई का आदेश बरकरार रखा

सुप्रीम कोर्ट ने कहा, यह क्या हो रहा है? 1995 में हुए हत्याकांड में दर्ज मामले की चार्जशीट दाखिल करने में चार साल का समय कैसे लगा?

विज्ञापन
Read Time: 6 mins
सुप्रीम कोर्ट ने अनुपम दुबे को इलाहाबाद HC से मिली ज़मानत पर रिहाई का आदेश बरकरार रखा
नई दिल्‍ली:

बहुजन समाज पार्टी (BSP) नेता और 27 साल पुराने एक हत्याकांड के आरोपी अनुपम दुबे को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) से राहत मिली है. SC ने अनुपम दुबे को इलाहाबाद हाईकोर्ट से मिली ज़मानत पर रिहाई का आदेश बरकरार रखा है. इसके साथ ही शीर्ष अदालत ने अनुपम की जमानत को चुनौती देने वाली यूपी सरकार की याचिका खारिज कर दी है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा, यह क्या हो रहा है? 1995 में हुए हत्याकांड में दर्ज मामले की चार्जशीट दाखिल करने में चार साल का समय कैसे लगा? 

पुलिस ने 1999 में चार्जशीट दाखिल की थी, वहीं यूपी सरकार की तरफ से एडिशनल सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने कहा कि अनुपम दुबे की ज़मानत खारिज कर दी जाए क्योंकि यह हत्या से जुड़ा मामला है. दुबे यूपी का बड़ा गैंगस्टर है. मामले की सुनवाई में देरी के लिए वही ज़िम्मेदार है. दरअसल यूपी सरकार ने फर्रुखाबाद में ठेकेदार शमीम हत्याकांड में बसपा नेता डॉ. अनुपम दुबे को हाईकोर्ट से मिले ज़मानत आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी. लकड़ी ठेकेदार शमीम की 26 जुलाई 1995 को फतेहगढ़ कोतवाली क्षेत्र के मोहल्ला कसरट्टा के पास गोली मारकर हत्या की गई थी. पुलिस ने शमीम हत्याकांड में चार साल बाद 14 जुलाई 1999 को बसपा नेता डॉ. अनुपम दुबे, शिशु व राजू लंगड़ा के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की थी. 

* शर्मनाक : अस्पताल में न इलाज मिला, न शव वाहन; बाइक पर मां की लाश लादकर 80KM ले गए बेटे
* "यह ईश्वरीय दंड है": संजय राउत की गिरफ्तारी पर बोले बीजेपी नेता
* "बंदूक का जवाब बंदूक से ही देना चाहिए", तमिलनाडु के राज्यपाल ने पाकिस्तान को दी चेतावनी

संजय राउत की PMLA कोर्ट में पेशी, भूमि घोटाले में हुई गिरफ्तारी

Featured Video Of The Day
Leh Protest: Sonam Wangchuck के समर्थ में उतरे छात्र, Police संग की झड़प और आगजनी | Top News
Topics mentioned in this article