राफेल मामले की कोर्ट की निगरानी में स्वतंत्र जांच की नई याचिका सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दी. दरअसल राफेल की खरीद में भ्रष्टाचार को लेकर फ्रांसीसी पोर्टल के दावे को लेकर दाखिल की गई थी, जिसमें अदालत की निगरानी में स्वतंत्र जांच के आदेश मांग की गई थी. याचिकाकर्ता एम एल शर्मा ने कहा कि डसॉल्ट एविएशन ने एक विवादास्पद भारतीय बिचौलिए को 10 लाख यूरो का भुगतान किया था.
यह फ्रांसीसी सरकार द्वारा स्वीकृत दस्तावेज है तो सौदा रद्द करने के लिए कानून का राज लागू किया सकता है. ऐसे में यह एक गंभीर मामला है. देश में लड़ाकू विमान राफेल की खरीद में भ्रष्टाचार को लेकर फ्रांसीसी पोर्टल के दावे को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई थी. वकील एमएल शर्मा ने फ्रांसीसी पोर्टल के दावे पर याचिका दायर कर सुप्रीम कोर्ट से स्वतंत्र जांच की मांग की है. इस याचिका में सौदे को रद्द करने और जुर्माना के साथ सारी रकम वसूलने की मांग की गई है.
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इसके साथ ही मामले की कोर्ट की निगरानी में स्वतंत्र जांच के आदेश की मांग की गई. पोर्टल ने दावा किया कि राफेल बनाने वाली फ्रांसीसी कंपनी डसॉल्ट को भारत में एक बिचौलिये को करीब 8 करोड़ 62 लाख रुपये ‘बतौर गिफ्ट' देने पड़े थे. याचिका में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्र और सीबीआई को भी पक्षकार बनाया है. डसॉल्ट एविएशन ने पहले ही आरोपों का खंडन किया है. कंपनी ने कहा कि सौदे में कोई भ्रष्टाचार या अनियमितता नहीं थी.
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