"फिलहाल कानून पर रोक नहीं...": चुनाव आयुक्त नियुक्ति मामले में SC का नए कानून पर रोक से इनकार

सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल कर नियुक्तियों में देश के मुख्य न्यायाधीश (Chief Election Commissioner Appointment Panel) को पैनल में शामिल करने की मांग की गई है. अर्जी में  कहा गया है कि देश में चुनाव में पारदर्शिता लाने के मद्देनज़र मुख्य चुनाव आयुक्त की नियुक्ति पैनल में मुख्य न्यायाधीश  शामिल किए जाएं.

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मुख्य चुनाव आयुक्त की नियुक्ति मामले पर सुप्रीम कोर्ट. (प्रतीकात्मक फोटो)
नई दिल्ली:

मुख्य चुनाव आयुक्त और चुनाव आयुक्तों  की नियुक्तियों के मामले में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court On Chief Election Commissioner Appointment) ने फिलहाल नए कानून पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है. हालांकि अदालत नए कानून का परीक्षण करने को तैयार हो गई. इस मामले पर अदालत ने केंद्र सरकार और चुनाव आयोग को नोटिस जारी किया है. अप्रैल में मामले पर सुनवाई होगी. मामले पर सुनवाई के दौरान जस्टिस संजीव खन्ना ने कहा कि फिलहाल कानून पर रोक नहीं लगा सकते, क्यों कि किसी भी कानून पर रोक नहीं लगाई जा सकती. 

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दिसंबर में दी गई थी संशोधित कानून को चुनौती

बता दें कि केंद्र सरकार द्वारा बनाए गए नए कानून को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई है. कांग्रेस नेता जया ठाकुर ने सुप्रीम कोर्ट में ये याचिका दायर की. इसमें कहा गया है कि संसद द्वारा लाया गया कानून असंवैधानिक है.इस याचिका में संसद द्वारा पास किए गए संशोधन पर रोक लगाने की मांग की गई है. मुख्य चुनाव आयुक्त और चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति को लेकर बने नए कानून को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है. दिसंबर में सुप्रीम कोर्ट में संशोधित कानून को चुनौती दी गई.

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चुनाव में पारदर्शिता लाने के लिए की गई थी ये मांग

 याचिका में मांग की गई है कि संसद द्वारा पास किए गए संशोधन को रद्द किया जाना चाहिए. सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल कर नियुक्तियों में देश के मुख्य न्यायाधीश को पैनल में शामिल करने की मांग की गई है. सुप्रीम कोर्ट में दाखिल अर्जी में  कहा गया है कि देश में चुनाव में पारदर्शिता लाने के मद्देनज़र मुख्य चुनाव आयुक्त की नियुक्ति पैनल में मुख्य न्यायाधीश  शामिल किए जाएं. इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने अपने एक फैसले में कहा था कि मुख्य निर्वाचन आयुक्त और चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति के पैनल में प्रधानमंत्री, लोकसभा में नेता विपक्ष और चीफ जस्टिस शामिल होंगे, जब तक कि कोई कानून न लाया जाए.

केंद्र ने बदला था सुप्रीम कोर्ट का फैसला

 सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद केंद्र सरकार ने नया कानून लाकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को पलट दिया. संशोधित कानून के मुताबिक, सीजेआई (CJI) को सलेक्शन पैनल से हटा दिया गया और इसमें प्रधानमंत्री, लोकसभा में नेता विपक्ष और प्रधानमंत्री द्वारा नामित एक कैबिनेट मंत्री कर दिया गया. 

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