आशीष मिश्रा की जमानत रद्द करने का अनुरोध करने वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में फैसला कल

प्रधान न्यायाधीश एन वी रमण, न्यायमूर्ति सूर्य कांत और न्यायमूर्ति हिमा कोहली की पीठ द्वारा सोमवार को पूर्वाह्न साढ़े 10 बजे फैसला सुनाने की संभावना है.

विज्ञापन
Read Time: 24 mins
आशीष मिश्रा की जमानत रद्द करने का अनुरोध करने वाली याचिका पर फैसला कल
नई दिल्ली:

उच्चतम न्यायालय केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा के बेटे एवं लखीमपुर खीरी हिंसा मामले के मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा की जमानत रद्द किए जाने का अनुरोध करने वाली याचिका पर सोमवार को अपना फैसला सुनाएगा. प्रधान न्यायाधीश एन वी रमण, न्यायमूर्ति सूर्य कांत और न्यायमूर्ति हिमा कोहली की पीठ द्वारा सोमवार को पूर्वाह्न साढ़े 10 बजे फैसला सुनाने की संभावना है. न्यायालय ने आशीष मिश्रा की जमानत रद्द किए जाने का अनुरोध करने की किसानों की याचिका पर चार अप्रैल को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था.

इससे पहले, न्यायालय ने आशीष मिश्रा की जमानत याचिका मंजूर करने के इलाहबाद उच्च न्यायालय के आदेश पर सवाल उठाए थे और कहा था कि जब मामले की सुनवाई अभी शुरू होनी बाकी है, तो पोस्टमार्टम रिपोर्ट और चोटों की प्रकृति जैसी अनावश्यक बातों पर गौर नहीं किया जाना चाहिए. विशेष पीठ ने इस तथ्य का कड़ा संज्ञान लिया था कि राज्य सरकार ने न्यायालय द्वारा नियुक्त विशेष जांच दल (एसआईटी) के सुझाव के अनुसार उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ याचिका दायर नहीं की. किसानों की ओर से पेश हए वरिष्ठ अधिवक्ता दुष्यंत दवे और प्रशांत भूषण ने दलील दी कि उच्च न्यायालय ने व्यापक आरोप पत्र पर विचार नहीं किया, बल्कि प्राथमिकी पर भरोसा किया.

राज्य की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता महेश जेठमलानी ने कहा कि आरोपी के देश से बाहर जाने की आशंका नहीं है और उसकी कोई आपराधिक पृष्ठभूमि नहीं रही है. शीर्ष न्यायालय ने उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका पर 16 मार्च को उत्तर प्रदेश सरकार और आशीष मिश्रा से जवाब मांगा था. पीठ ने उत्तर प्रदेश सरकार को गवाहों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का भी निर्देश दिया था. इससे पहले, किसानों की ओर से पेश वकील ने 10 मार्च को एक प्रमुख गवाह पर हुए हमले का जिक्र किया था.

Advertisement

उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा में मारे गए किसानों के परिवारों के सदस्यों ने आशीष मिश्रा को जमानत देने के उच्च न्यायालय के आदेश को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी है. उच्च न्यायालय की एकल पीठ ने 10 फरवरी को मिश्रा को मामले में जमानत दे दी थी. इससे पहले, वह चार महीने तक हिरासत में रहा था. इस हिंसा में चार किसानों सहित आठ लोग मारे गए थे. गौरतलब है कि किसानों का एक समूह भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता केशव प्रसाद मौर्य के दौरे के खिलाफ पिछले साल तीन अक्टूबर को प्रदर्शन कर रहा था और तभी लखीमपुर खीरी में एक एसयूवी (कार) ने चार किसानों को कथित तौर पर कुचल दिया था. 

Advertisement

इससे गुस्साए प्रदर्शनकारियों ने भाजपा के दो कार्यकर्ताओं और एक चालक को कथित तौर पर पीट-पीट कर मार डाला और इस हिंसा में एक स्थानीय पत्रकार की भी मौत हो गई थी.

Advertisement

ये भी पढ़ें- 
पहली बार बतौर ब्रिटिश PM भारत आ रहे हैं बोरिस जॉनसन, यूक्रेन युद्ध के बीच पीएम मोदी से दिलचस्प रहेगी मुलाकात

Advertisement

दिल्ली के जहांगीरपुरी में हनुमान जयंती के जुलूस के दौरान झड़प, अमित शाह ने पुलिस अफसरों से की बात

(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
Featured Video Of The Day
Ayodhya में Ram Mandir की बढ़ी सुरक्षा | PM Modi का उत्तराखंड दौरा | Bihar में महागठबंधन की बैठक
Topics mentioned in this article