बच्चों में बढ़ती आत्महत्या से चिंतित सुप्रीम कोर्ट, स्वास्थ्य मंत्रालय को रोकथाम के दिए निर्देश

कोर्ट ने कहा कि बच्चों द्वारा की जा रही आत्महत्या एक बहुत ही गंभीर सामाजिक मुद्दा है. इसको रोकने के लिए केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को निर्देश दिया कि वह भारत में आत्महत्या की रोकथाम के लिए उनके द्वारा उठाए गए कदमों के बारे में कोर्ट को अवगत कराए.

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नई दिल्ली:

भारत में बच्चों में बढ़ती आत्महत्या की प्रवृति  पर मुख्य न्यायधीश जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ ने चिंता जताई है. सुप्रीम कोर्ट ने भारत में आत्महत्या की रोकथाम के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा किए जा रहे प्रयासों को लेकर हलफनामा दाखिल करने का आदेश दिया है.

कोर्ट ने कहा कि बच्चों द्वारा की जा रही आत्महत्या एक बहुत ही गंभीर सामाजिक मुद्दा है. इसको रोकने के लिए केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को निर्देश दिया कि वह भारत में आत्महत्या की रोकथाम के लिए उनके द्वारा उठाए गए कदमों के बारे में कोर्ट को अवगत कराए.

बच्चों के बीच बढ़ती आत्महत्या की प्रबृत्ति को रोकने की मांग लेकर एडवोकेट गौरव बंसल ने जनहित याचिका दाखिल की है . वकील गौरव बंसल ने कहा है कि दिल्ली पुलिस द्वारा दिए गए आरटीआई जवाबों के अनुसार, 2014 से 2018 के बीच राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में 18 वर्ष से कम आयु के 400 से अधिक छात्रों ने आत्महत्या कर ली.

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