"अब 6 महीने में ऑटोमैटिक ही खत्म नहीं होगा स्टे...", SC ने सिविल और आपराधिक मामलों को लेकर बदला अपना आदेश

कोर्ट ने एक मामले की सुनवाई के दौरान कहा कि संवैधानिक अदालतों को मामलों पर समयबद्ध तरीके से फैसला लेने के आदेश नहीं देने चाहिए, क्योंकि जमीनी स्तर के मुद्दों की जानकारी संबंधित अदालतों को होती है. ऐसे आदेश केवल असाधारण परिस्थितियों में ही दिए जाने चाहिए 

विज्ञापन
Read Time: 2 mins
सुप्रीम कोर्ट ने अपने पुराने आदेश को ही पलट दिया
नई दिल्ली:

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने सिविल और आपराधिक मामलों को लेकर 2018 में दिए गए अपने फैसले को पलट दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने अपने नए फैसले में कहा है कि सिविल और आपराधिक मामलों में हाईकोर्ट की तरफ से लगाई गई अतंरिम रोक का आदेश अब छह महीने में खुद ब खुद ही खत्म हो नहीं होगा. जबकि सुप्रीम कोर्ट ने 2018 में अपने एक आदेश में कहा था कि अगर हाईकोर्ट में आगे सुनवाई नहीं होती तो किसी मामले में लगा अतंरिम स्टे 6 महीने बाद ऑटोमैटिक तौर पर खत्म हो जाएगा. जब तक कि उसे हाईकोर्ट द्वारा बढ़ाया ना जाए .

कोर्ट ने एक मामले की सुनवाई के दौरान कहा कि संवैधानिक अदालतों को मामलों पर समयबद्ध तरीके से फैसला लेने के आदेश नहीं देने चाहिए, क्योंकि जमीनी स्तर के मुद्दों की जानकारी संबंधित अदालतों को होती है. ऐसे आदेश केवल असाधारण परिस्थितियों में ही दिए जाने चाहिए 

पांच जजों के संविधान पीठ का फैसला 

क्या सिविल और आपराधिक मामलों में हाईकोर्ट द्वारा दिए गए अंतरिम रोक का आदेश केवल छह महीने के लिए लागू होने चाहिए (जब तक कि विशेष रूप से आगे बढ़ाया न जाए) या नहीं. इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने अपना फैसला सुनाया है. चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पांच जजों की संविधान पीठ में जस्टिस अभय एस ओक, जे बी पारदीवाला, जस्टिस पंकज मित्थल, जस्टिस मनोज मिश्रा भी शामिल हैं. सुप्रीम कोर्ट ने 13 दिसंबर 2023  को सुप्रीम कोर्ट ने 13 दिसंबर 2023  को 2018 के फैसले के खिलाफ संदर्भ में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था.

Advertisement

इसके अनुसार सिविल और आपराधिक मुकदमों में हाईकोर्ट और अन्य अदालतों द्वारा दिए गए स्टे के अंतरिम आदेश छह महीने की अवधि के बाद स्वचालित रूप से समाप्त हो जाएंगे जब तक कि आदेशों को विशेष रूप से बढ़ाया न जाए. दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने 2018 में फैसला सुनाया था कि अगर अदालत द्वारा विशेष रूप से बढ़ाया ना जाए तो हाईकोर्ट और अन्य अदालतों द्वारा दिए गए स्टे के अंतरिम आदेश छह महीने की अवधि के बाद स्वचालित रूप से समाप्त हो जाएंगे.

Advertisement
Featured Video Of The Day
Maharashtra में आज 14 बांग्लादेशी नागरिक गिरफ्तार, नवी मुंबई से हुई गिरफतारी
Topics mentioned in this article