सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब में 1158 असिस्टेंट प्रोफेसर और लाइब्रेरियन की नियुक्ति रद्द की

SC ने पंजाब सरकार से UGC के नियमों के मुताबिक नए सिरे से नियुक्ति प्रकिया शुरू करने का निर्देश दिया. दरअसल, सितंबर 2024 में पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने पंजाब सरकार को बड़ी राहत देते हुए सिंगल बेंच के आदेश को रद्द कर दिया था.

विज्ञापन
Read Time: 2 mins
फटाफट पढ़ें
Summary is AI-generated, newsroom-reviewed
  • सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब में 1158 असिस्टेंट प्रोफेसर और लाइब्रेरियन की नियुक्ति प्रक्रिया को नियमों के उल्लंघन के कारण रद्द कर दिया है.
  • पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट की डिवीजन बेंच के सितंबर 2024 के आदेश को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया, जिसमें नियुक्ति को सही ठहराया गया था.
  • सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब सरकार को निर्देश दिया है कि वे यूजीसी के नियमों के अनुसार नई नियुक्ति प्रक्रिया शुरू करें.
क्या हमारी AI समरी आपके लिए उपयोगी रही? हमें बताएं।

सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब में 1158 असिस्टेंट प्रोफेसर और लाइब्रेरियन की नियुक्ति रद्द कर दी है. सुप्रीम कोर्ट ने नियुक्ति को सही ठहराने वाले पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट की डिवीजन बेंच के सितंबर 2024 में दिए आदेश को खारिज कर दिया. कोर्ट ने कहा कि नियुक्ति प्रक्रिया मनमानी है. इसमें नियम कानून को ताक पर रख दिया गया. राज्य सरकार के पास इसे सही ठहराने के लिए कोई वाजिब कारण नहीं है. 

क्या है मामला

SC ने पंजाब सरकार से UGC के नियमों के मुताबिक नए सिरे से नियुक्ति प्रकिया शुरू करने का निर्देश दिया. दरअसल, सितंबर 2024 में पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने पंजाब सरकार को बड़ी राहत देते हुए सिंगल बेंच के आदेश को रद्द कर दिया था. 2021 में सिंगल बेंच ने 1158 असिस्टेंट प्रोफेसर और लाइब्रेरियन की भर्ती को रद्द कर दिया था. इस मामले में एकल बेंच की ओर से भर्ती रद्द करने से पहले सरकार ने 609 उम्मीदवारों को नियुक्ति पत्र दे दिया था, लेकिन केवल 135 को ही पोस्टिंग और वेतन मिल रहा था.

पंजाब सरकार को झटका

एकल बेंच के इस आदेश पर अपील में डिवीजन बेंच ने यथास्थिति के आदेश जारी कर दिया था. डिवीजन बेच के यथास्थिति बनाए रखने के आदेश के चलते सिर्फ 135 लोग ही काम कर रहे हैं. 484 उम्मीदवार स्टेशन अलॉट होने का इंतजार कर रहे थे. पंजाब सरकार ने भी कोर्ट से आग्रह किया था कि सरकारी कॉलेजों में शिक्षकों की भारी कमी है. इसलिए इन बाकी बचे आवेदकों को स्टेशन अलॉट करने की इजाजत दी जाए. हाईकोर्ट ने सरकार और इन आवेदकों की अपील को स्वीकार करते हुए सिंगल बेंच के फैसले को रद्द कर दिया और जॉइनिंग को हरी झंडी दे दी थी, लेकिन याचिकाकर्ता इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट आ गए थे.

Advertisement
Featured Video Of The Day
Bihar Elections 2025: ‘अवैध घुसपैठ’: सरकार है गंभीर या केवल चुनावी तीर? NDTV Cafe | Tejashwi Yadav