CBI के स्‍थायी निदेशक की नियुक्ति प्रक्रिया को लेकर दाखिल याचिका पर SC ने केंद्र से मांगा जवाब

सीबीआई के स्थायी निदेशक की नियुक्ति के लिए एनजीओ कॉमन कॉज की ओर से सुप्रीम कोर्ट में दाखिल जनहित याचिका में आरोप लगाया गया है कि अंतरिम निदेशक को इतने लंबे समय तक नहीं होना चाहिए.

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सुप्रीम कोर्ट में मामले की अगली सुनवाई अब 25 अक्‍टूबर को होगी (प्रतीकात्‍मक फोटो)
नई दिल्‍ली:

केंद्रीय जांच ब्‍यूरो (CBI) के स्थायी निदेशक की नियुक्ति प्रक्रिया को लेकर दाखिल याचिका पर सुप्रीम कोर्ट  (Supreme court) ने केंद्र सरकार (Central Government) से अपना रुख साफ करने को कहा है. मामले की अगली सुनवाई अब सोमवार यानी 25 अक्‍टूबर को होगी. सुनवाई के दौरान अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने कहा कि सीबीआई का स्थायी निदेशक नियुक्त कर दिया गया है. प्रशांत भूषण ने इस पर आपत्ति जताते हुए कहा कि हर बार ऐसा ही होता है, सरकार अस्थाई निदेशक नियुक्त कर देती है. जस्टिस एल नागेश्वर राव ने कहा कि प्रकाश सिंह मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले में भी यही कहा गया है कि भावी निदेशक की नियुक्ति के लिए चयन प्रक्रिया मौजूदा निदेशक के रिटायरमेंट से दो महीने पहले शुरू हो जानी चाहिए.एजी ने कहा कि ये गलत नहीं है. हम इसे अपना सकते हैं लेकिन कई बार अपवाद भी होते हैं. अब जैसे कोविड के हालात आ गए. 

भूषण ने कहा, 'अगर प्रक्रिया समय से शुरू न की जाय तो संबंधित जिम्मेदार अधिकारी पर कार्रवाई की जाए.  इस पर जस्टिस राव ने कहा, 'अगर वो स्थापित नियमों का उल्लंघन करें तो आप कोर्ट में आ सकते हैं लेकिन क्या सीबीआई निदेशक की नियुक्ति भी प्रकाश सिंह मामले में दिए गए फैसले में उल्लिखित प्रक्रिया के तहत आती है? ' फिर भूषण ने आलोक वर्मा मामले में दिए गए सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अंश पढ़े जिसमें सीबीआई की स्वायत्तता बनाए रखने की बात कही गई है. 

 सीबीआई के स्थायी निदेशक की नियुक्ति के लिए एनजीओ कॉमन कॉज की ओर से सुप्रीम कोर्ट में दाखिल जनहित याचिका में आरोप लगाया गया है कि अंतरिम निदेशक को इतने लंबे समय तक नहीं होना चाहिए. सीबीआई डायरेक्टर के रिटायरमेंट से पहले ही नए डायरेक्टर की नियुक्ति की प्रक्रिया पूरी हो जानी चाहिए. याचिकाकर्ता की ओर से प्रशांत भूषण ने मांग की कि सरकार को आदेश दिया जाए कि जल्द से जल्द सलेक्शन कमेटी की बैठक बुला कर स्थायी उपाय किए जाएं.  कोर्ट ने कहा कि बिना सरकार का पक्ष सुने हम ऐसा आदेश नहीं पारित कर सकते. जस्टिस एल नागेश्वर राव और एस रवींद्र भट की बेंच ने एनजीओ कॉमन कॉज की याचिका पर सुनवाई की. याचिका में आरोप लगाया गया है कि सरकार दिल्ली विशेष पुलिस प्रतिष्ठान (डीएसपीई) अधिनियम की धारा 4 ए के अनुसार स्थाई सीबीआई निदेशक को नियुक्त करने में विफल रही है.  वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण के माध्यम से दायर याचिका में केंद्र को निर्देश देने की मांग की गई है कि वह सीबीआई निदेशक के चयन की प्रक्रिया दो महीना पहले शुरू करे.

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