गले में तख्ती लटका बने सेवादार, देखिए स्वर्ण मंदिर में सुखबीर बादल कैसे काट रहे हैं सजा

सुखबीर बादल आज दोपहर 12 बजे से एक बजे तक स्वर्ण मंदिर में शौचालय साफ करेंगे. इसके बाद स्नान करेंगे और लंगर चलाएंगे. एक घंटा बर्तन साफ करेंगे और एक घंटा गुरबाणी सुनेंगे.

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सुखबीर बादल को अकाल तख्त ने सुनाई सजा है.
अमृतसर:

सिखों की सर्वोच्च धार्मिक संस्था अकाल तख्त ने पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल को साल 2015 में गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी में डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम का पक्ष लेने के लिए गुरुद्वारे में रसोई और वॉशरूम की सफाई की सजा सुनाई थी. आज सुखबीर सिंह बादल इसी सजा को पूरा करते हुए नजर आए. अकाली दल के प्रमुख आज सुबह अमृतसर में स्वर्ण मंदिर के प्रवेश द्वार पर व्हीलचेयर पर बैठे नजर आए. इस दौरान उनके गले में तख्ती और हाथ में एक भाला था.

क्या सजा सुनाई गई है

  • सुखबीर बादल आज दोपहर 12 बजे से एक बजे तक स्वर्ण मंदिर में शौचालय साफ करेंगे.
  • शौचालय साफ करने के बाद स्नान करेंगे.
  • इसके बाद वो लंगर चलाएंगे. साथ बी एक घंटा बर्तन साफ करेंगे.
  • एक घंटा गुरबाणी सुनेंगे.
  • इसके अलावा उन्हें जूते साफ करने की सजा भी सुनाई गई है.
  • सजा शुरू होने से पहले उनके गले में तख्ती डाली जाएगी.

सुखबीर सिंह बादल के पैर में चोट लगी है. ऐसे में वो दरबार साहिब के बाहर चोला डाल कर व्हीलचेयर पर बैठकर पहरेदारी की सजा काट रहे हैं. सुखबीर सिंह बादल की पत्नी के भाई एवं वरिष्ठ अकाली दल नेता बिक्रम सिंह मजीठिया ने अपनी सजा की शुरुआत स्वर्ण मंदिर में बर्तन धोकर की.

उनसे जब सजा काटने के संबंध में सवाल किया गया, तो उन्होंने कहा कि यह मेरे लिए परमात्मा का हुक्म है और मैं इसका पालन करूंगा. मैं इसका पालन करने में किसी भी प्रकार की कोताही नहीं बरतूंगा.

अमृतसर में अकाल तख्त के 'फसील' (मंच) से फैसला सुनाते हुए सिखों के सर्वोच्च तख्त के जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह ने कल शिरोमणि अकाली दल (शिअद) की कार्यकारिणी को पार्टी अध्यक्ष पद से सुखबीर बादल का इस्तीफा मंजूर करने का निर्देश भी दिया था. जत्थेदार ने सुखबीर बादल के पिता और पूर्व मुख्यमंत्री दिवंगत प्रकाश सिंह बादल को दी गई 'फख्र-ए-कौम' की उपाधि वापस लेने की घोषणा भी की थी.

बता दें  'तनखा' की घोषणा से पहले सुखबीर बादल ने अपनी गलतियां स्वीकार कर ली थी. जिनमें शिअद शासन के दौरान 2007 के ईशनिंदा मामले में डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह को माफ करना भी शामिल था. अकाल तख्त ने सुखबीर बादल को 'तनखैया' (धार्मिक कदाचार का दोषी) घोषित करने के लगभग तीन महीने बाद उनकी 'तनखा' का एलान किया था. 

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