'नेहरू जी और मोदी की तुलना नहीं हो सकती...' : राज्यसभा में क्या बोले BJP सांसद सुधांशु त्रिवेदी

सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि जब मोदी देश के पीएम पद के कैंडिडेट चुने जाने थे और उस वक्त बीजेपी की बैठक होनी थी, तब उन्होंने कहा कि मैं उस बैठक में नहीं आऊंगा, जिसमें मेरे बारे में चर्चा हो रही है. ये होता है नैतिकता के आधार के ऊपर निर्णय.

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सुधांशु त्रिवेदी ने पीएम मोदी की जमकर की तारीफ
नई दिल्ली:

राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पेश करते हुए राज्यसभा में बीजेपी सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि हमारे गठबंधन ने और भारतीय जनता पार्टी ने दक्षिण भारत में कांग्रेस से अधिक मत हासिल किए हैं. बहुत से विपक्षी सदस्य कहते हैं कि नेहरू जी की बराबरी मोदी जी नहीं हो सकती. तीसरा बार मोदी जी चुनकर के आए हैं, और ये तो मैं भी मानता हूं इन दोनों में बराबरी नहीं हो सकती. इसलिए तीसरी बार आने पर सिर्फ मैं तीन बिंदु दूंगा. जिस पर हम मानते हैं कि नेहरू और मोदी जी की बराबरी नहीं हो सकती है.

नेहरू और मोदी की तुलना पर क्या बोले सुधांशु त्रिवेदी

सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि जब मोदी देश के पीएम पद के कैंडिडेट चुने जाने थे और उस वक्त बीजेपी की बैठक होनी थी, तब उन्होंने कहा कि मैं उस बैठक में नहीं आऊंगा, जिसमें मेरे बारे में चर्चा हो रही है. ये होता है नैतिकता के आधार के ऊपर निर्णय. तब मुझे दायित्व दिया गया था कि मैं मोदी जी को रिसीव कर अध्यक्ष के कमरे में बिठाऊं. जब बैठक खत्म हो जाए तो हम घोषित करने के लिए एक साथ जाएंगे.

26 अप्रैल 1946 को कांग्रेस का नया अध्यक्ष चुना जाना था, जिसके लिए कांग्रेस की बैठक होनी थी. 20 अप्रैल को मौलाना आजाद को नामांकन वापस लेने के लिए पत्र लिखा. गांधी जी ने कहा कि मैं चाहता हूं कि नेहरू पीएम बने. लेकिन क्या हुआ इसका रिकॉर्ड कई किताबों में है. जैसे कि एक वोट मिला पट्टाभि सीतारमैया को और एक या दो वोट मिले आचार्य कृपलानी को, वहीं सरदार पटेल को सारे वोट मिले. जबकि नेहरू जी को जीरो वोट मिले. जीरो वोट पाकर पीएम बनने वाले नेहरू और पीएम मोदी के बीच तुलना कैसे हो सकती है.

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मैं तो कहना चाहूंगा खरगे जी को अध्यक्ष बनना था तो सोनिया जी की इच्छा थी. इसलिए सभी ने खरगे को वोट किया और शशि थरूर ने नाम वापस ले लिया. इस लिहाज से तो आज खरगे जी की स्थिति उस समय के नेहरू जी से ज्यादा बेहतर है. शायर मजरूह सुल्तानपुरी ने एक आर्टिकल लिखा नेहरू जी के बारे में और उन्हें दो साल जेल में रहना पड़ा. वहीं मोदी के समय में किसी पर कोई एक्शन नहीं हो रहा है. इसलिए दोनों के बीच कोई तुलना नहीं है. हमारे पीएम मोदी को बहुत से देशों ने अपने देश के सर्वोच्च नागरिक का सम्मान दिया. जो कि भारत के इतिहास में किसी और को नहीं मिला.

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अर्थव्यस्था में हमने ब्रिटेन को भी पछाड़ा : सुधांशु त्रिवेदी

तेलंगाना में हमारी 8 सीटें ही नहीं हैं, बल्कि 35 प्रतिशत वोट हासिल किए हैं. कर्नाटक में बीजेपी को 45 प्रतिशत वोट मिले हैं. केरल में हमारी एक सीट आई है और 17 प्रतिशत वोट मिले हैं. तमिलनाडु में कांग्रेस पार्टी को 10.25 प्रतिशत वोट मिले जबकि भाजपा को यहां 11.5 फीसदी वोट मिले हैं. उन्होंने यह भी कहा कि उड़ीसा में पहली बार भाजपा ने सरकार बनाई है. सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि हम पांचवीं बड़ी अर्थव्यवस्था बने हैं, लेकिन हम सिर्फ पांचवीं बड़ी अर्थव्यवस्था नहीं बने, पांचवीं बड़ी अर्थव्यवस्था उस ब्रिटेन को पीछे छोड़कर बने जिसने हमारे ऊपर हुकूमत की. हम दुनिया के चौथे सबसे बड़े स्टॉक एक्सचेंज बने. हम दुनिया के तीसरे बड़े सोलर एनर्जी के केंद्र बने. हम दुनिया के तीसरे सबसे बड़े ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर बने.

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(आईएएनएस इनपुट्स के साथ)

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