हमारी भी आवारा कुत्तों के लिए सहानुभूति... मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट की 3 जजों की बेंच के हवाले

सुप्रीम कोर्ट ने सभी संबंधित अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है कि कुत्ता आश्रयों/पाउंडो में भीड़भाड़ न हो और ऐसी स्थिति से बचने के लिए सभी उपाय तुरंत किए जाएं. इन आश्रयों/पाउंडों में लाए गए आवारा कुत्तों को भूखा नहीं रखा जाएगा.

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  • सुप्रीम कोर्ट ने आवारा कुत्तों के मामले की सुनवाई तीन जजों की बेंच में भेज दी है और कल सुनवाई होगी.
  • अदालत ने कुत्तों के प्रति क्रूरता और दुर्व्यवहार रोकने के लिए सभी स्तरों पर सख्त निर्देश जारी किए हैं.
  • अधिकारियों को कुत्तों के लिए पर्याप्त आश्रय, नियमित भोजन और उचित देखभाल सुनिश्चित करने का आदेश दिया गया है.
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नई दिल्‍ली:

आवारा कुत्तों के मामले में बुधवार को नया मोड़ आ गया जब CJI बी आर गवई ने मामले को तीन जजों की बेंच में भेजा. अब इस मामले में कल यानी गुरुवार को सुनवाई होगी. जस्टिस विक्रम नाथ, जस्टिस संदीप मेहता और जस्टिस एन.वी. अंजारिया की तीन जजों की बेंच मामले की सुनवाई करेगी. सुप्रीमकोर्ट ने कहा है कि वह 'आवारा कुत्तों के जीवन के प्रति भी सहानुभूति रखता है'.  सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया है कि किसी भी स्तर पर इन कुत्तों के साथ दुर्व्यवहार, क्रूरता या देखभाल के निम्न स्तर का व्यवहार नहीं किया जाना चाहिए. 

सुप्रीम कोर्ट ने जारी किए खास आदेश 

सुप्रीम कोर्ट ने सभी संबंधित अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है कि कुत्ता आश्रयों/पाउंडो में भीड़भाड़ न हो और ऐसी स्थिति से बचने के लिए सभी उपाय तुरंत किए जाएं. इन आश्रयों/पाउंडों में लाए गए आवारा कुत्तों को भूखा नहीं रखा जाएगा. साथ ही संबंधित अधिकारियों/प्राधिकारियों का यह कर्तव्य होगा कि वे सुनिश्चित करें कि उन्हें पर्याप्त और नियमित रूप से भोजन मिले. 

सुप्रीम कोर्ट ने कुछ खास आदेश जारी किए हैं जिनका कड़ाई से पालन करना बहुत जरूरी होगा. आदेश में कहा गया है कि दिल्ली, गाजियाबाद, नोएडा, फरीदाबाद, गुरुग्राम के सभी इलाकों और बाहरी इलाकों से आवारा कुत्तों को उठाना और उनकी देखभाल शुरू की जाए. साथ ही इन कुत्तों को निर्दिष्ट आश्रयों/पाउंड में स्थानांतरित करें.

NCR के लिए भी आया आदेश 

सुप्रीम कोर्ट ने एनसीआर दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद, गुरुग्राम और फरीदाबाद के उपयुक्त अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वो तुरंत कुत्तों के लिए आश्रय/पाउंड बनाएं और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में ऐसे बुनियादी ढांचे के निर्माण की रिपोर्ट इस न्यायालय को दें. इस संबंध में एक रिपोर्ट आठ सप्ताह की अवधि के भीतर इस न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत की जाएगी.

किसी भी परिस्थिति में, इन आवारा कुत्तों को उनके स्थानांतरण के बाद फिर से सड़कों पर नहीं छोड़ा जाना चाहिए. इस संबंध में संबंधित अधिकारियों द्वारा नियमित रूप से उचित रिकॉर्ड बनाए रखा जाना चाहिए. आवारा कुत्तों को पशु जन्म नियंत्रण नियम, 2023 के अनुसार पकड़ा जाएगा, उनकी नसबंदी की जाएगी, कृमिनाशक दवा दी जाएगी और उनका टीकाकरण किया जाएगा और जैसा कि ऊपर उल्लेख किया गया है, उन्हें वापस नहीं छोड़ा जाएगा. 

कुत्ता आश्रयों/पाउंडों में आवारा कुत्तों की नसबंदी, कृमिनाशक दवा देने और उनका टीकाकरण करने के लिए पर्याप्त कर्मचारी होने चाहिए और हिरासत में लिए जाने वाले आवारा कुत्तों की देखभाल के लिए भी पर्याप्त कर्मचारी होने चाहिए. 

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आश्रय गृहों का हो निर्माण 

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह यह भी स्पष्ट करता है कि आवारा कुत्तों को इकट्ठा करने का कार्य और साथ ही उनके पुनर्वास, नसबंदी, कृमिनाशक दवा देने और टीकाकरण के लिए आश्रयों/पाउंडों के रूप में आवश्यक बुनियादी ढाँचे का निर्माण, दोनों एक साथ किए जाएंगे. हम संबंधित अधिकारियों से आश्रयों/पाउंडों के निर्माण की प्रतीक्षा के बहाने थोड़ी सी भी सुस्ती नहीं सुनना चाहते, नहीं तो हम इन अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेंगे. सभी अधिकारियों को निर्देश दिया जाता है कि वे तुरंत आवारा कुत्तों को उठाना शुरू करें और साथ ही राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में उपयुक्त और पर्याप्त आश्रय गृहों और आश्रय स्थलों का निर्माण करें. 

अगर नहीं माना आदेश तो... 

सुप्रीम कोर्ट ने स्‍पष्‍ट कर दिया है कि किसी भी व्यक्ति या संगठन द्वारा निर्देशों के सुचारू और प्रभावी कार्यान्वयन में उत्पन्न की जाने वाली किसी भी बाधा या रुकावट को इस न्यायालय की अवमानना माना जाएगा. ऐसा होता है तो फिर कानून के अनुसार उचित कार्रवाई करेंगे. सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि चूंकि यह एक सतत प्रक्रिया है, इसलिए इस समय हम अपने समक्ष दायर किसी भी हस्तक्षेप आवेदन पर विचार करने के इच्छुक नहीं हैं. हम पहले संबंधित अधिकारियों से सुनना चाहते हैं कि उनका क्या कहना है और उन्होंने क्या प्रगति की है. एक बार जब संबंधित अधिकारी हमारे सामने ये प्रासंगिक विवरण प्रस्तुत कर देंगे, तो हम अपने समक्ष प्रस्तुत हस्तक्षेप आवेदनों पर उनके गुण-दोष के आधार पर विचार करेंगे. 

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