केंद्र सरकार ने देश में ओमिक्रॉन (Omicron variant) के बढ़ते मामलों के बीच राज्यों को कोविड टेस्टिंग (Covid Testing) में तेजी लाने का निर्देश दिया है, ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगों के बीच संक्रमण फैलने से पहले ही उसकी पहचान की जा सके. केंद्र सरकार ने राज्य सरकारों को अपने नए दिशा निर्देशों में कहा है कि जिन लोगों को भी बुखार या गले में खराश की शिकायत हो, उनको कोरोना टेस्ट किया जाए. ऐसी शिकायत करने वाले लोगों को कोरोना संदिग्ध के तौर पर देखा जाए. स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि अगर किसी व्यक्ति को खांसी/बिना खांसी के बुखार(Fever) , गले में खराश, सिरदर्द, सांस लेने में परेशानी, बदन दर्द हो, स्वाद चला गया हो और थकान हो तो जब तक उसकी रिपोर्ट नेगेटिव न हो, उसे कोविड 19 का मामला माना जाएगा. रिपोर्ट आने तक ऐसे व्यक्ति एकांतवास यानी आइसोलेशन में चले जाएं. ऐसे सभी व्यक्तियों की कोरोना जांच होनी चाहिए.
केंद्र ने राज्यों को चिट्ठी लिखकर कहा है कि बढ़ते कोरोना की पॉजिटिविटी रेट को देखते हुए कोरोना की जांच में तेजी लाने के लिए रैपिड एंटीजन टेस्ट( RAT) का इस्तेमाल बढ़ाएं. सरकार ने राज्यों को बढ़ते पॉजिटिविटी रेट को लेकर आगाह किया है.केंद्र ने कहा है कि देश के कई हिस्सों में कोरोना की पॉजिटिविटी रेट में तेजी से इजाफा हो रहा है जिसे ध्यान में रखते हुए टेस्ट में तेजी लाई जाए. राज्यों से कहा गाय है कि RTPCR के अलावा रैपिड एंटीजन टेस्ट का इस्तेमाल बढ़ाएं और साथ ही ICMR से स्वीकृत होम टेस्टिंग किट का भी को यूज में ला सकते हैं जिससे कि कोरोना के पॉजिटिव केस की जांच समय पर हो सकें.और वक्त पर ऐसे पॉजीटिव मरीजों को आइसोलेट कराया जा सके.
केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण और आईसीएमआर चीफ बलराम भार्गव की साझा पत्र में इस बात का जिक्र है कि RTPCR से जांच रिपोर्ट आने में देरी हो सकती है इसलिए राज्य सरकारें रैपिड एंटीजन टेस्ट (RAT) का ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल करें. स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्यों से कहा कि इस बात पर जोर दिया जाना चाहिए कि कोरोना के मामलों के मौजूदा उछाल के दौरान कोई भी व्यक्ति खांसी, सिरदर्द, गले में खराश, सांस फूलना, शरीर में दर्द,स्वाद या गंध, थकान और दस्त हो तो उसे संदिग्ध मामले के रूप में माना जाना चाहिए
ऐसे सभी व्यक्ति का टेस्ट किया जाना चाहिए.टेस्ट के परिणाम को देखते हुए, उन्हें तुरंत आइसोलेशन में रहने सलाह दी जानी चाहिए.और ऐसे लोग स्वास्थ्य मंत्रालय के आइसोलेशन के गाइडलाइन का पालन करें.
यह माना जा रहा है कि भारत में कोरोना के कुल मामलो में 18 फीसदी ओमिक्रॉन के हैं. जीनोम सीक्वेंसिंग के कुल मामलों में 18% सैंपल में ओमिक्रॉन वैरिएंट की मौजूदगी का पता चला है. स्वास्थ्य मंत्रालय के शीर्ष सूत्रों ने ये बताया है. ये आंकड़े 12 दिसंबर से जीनोम सीक्वेंसिंग के डेटा पर आधारित हैं. दिल्ली के सामुदायिक संक्रमण का अंदेशा है. यहां पॉजिटिव सैंपल में 50% ओमिक्रॉन वेरिएंट की मौजूदगी का पता चला है. ओमिक्रॉन के दिल्ली में कम्युनिटी ट्रांसमिशन (Delhi Community Transmission) में वो लोग हैं जो किसके जरिये वायरस के संपर्क में आए पता नहीं चल रहा है.मुंबई में कम्युनिटी में ओमिक्रॉन की मौजूदगी को लेकर अध्ययन किया जा रहा है.
दिल्ली और महाराष्ट्र में ओमिक्रॉन के सर्वाधिक मामले सामने आए हैं. ओमिक्रॉन के केस देश के 19 राज्यों तक फैल चुके हैं. क्रिसमस के बाद नए साल को लेकर भी खुली जगहों पर जश्न या अन्य सार्वजनिक कार्यक्रमों पर ज्यादातर राज्यों ने रोक लगा दी है. कई राज्यों ने कोविड वैक्सीनेशन को भी अनिवार्य कर दिया है. हरियाणा में इसके बिना राशन, पेट्रोल, सीएनजी या अन्य सरकारी सेवाओं का लाभ नहीं मिल सकेगा. वहीं पंजाब, राजस्थान, महाराष्ट्र समेत कई राज्यों ने बिना वैक्सीनेशन वाले लोगों के सार्वजनिक स्थानों पर प्रवेश पर पाबंदी लगा दी है.