SSC के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे छात्र
- देशभर के हजारों छात्र और शिक्षक SSC की परीक्षा प्रक्रिया में कथित कुप्रबंधन के खिलाफ प्रदर्शन किया.
- छात्रों ने परीक्षा रद्द होने, केंद्रों पर खराब प्रबंधन और पुलिस लाठीचार्ज के आरोपों को लेकर विरोध जताया.
- प्रदर्शन के दौरान पुलिस ने जंतर-मंतर और सीजीओ कॉम्प्लेक्स में छात्रों और शिक्षकों पर लाठीचार्ज किया गया.
देशभर के हजारों छात्र इन दिनों कर्मचारी चयन आयोग यानी SSC के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं. उनका ये प्रदर्शन SSC परीक्षा प्रक्रिया में कथित कुप्रबंधन के खिलाफ है. छात्रों को इस प्रदर्शन में उनके शिक्षकों का भी साथ मिल रहा है. जानी-मानी शिक्षिका नीतू मैम भी अन्य शिक्षकों के साथ इस प्रदर्शन में शामिल हुईं. दिल्ली में ये प्रदर्शन गुरुवार को हुआ. इस दौरान छात्रों ने 'दिल्ली चलो' का नारा भी दिया.
आपको बता दें कि छात्रों का ये विरोध प्रदर्शन SSC द्वारा अंतिम समय में परीक्षा रद्द होने, केंद्रों पर खराब प्रबंधन और 24 जुलाई से 1 अगस्त, 2025 तक आयोजित होने वाली एसएससी चयन पद चरण 13 परीक्षा के दौरान दुर्व्यवहार के आरोपों को लेकर है. छात्रों और शिक्षकों ने आरोप लगाया है कि पुलिस ने जंतर-मंतर और सीजीओ कॉम्प्लेक्स में उनके विरोध प्रदर्शन के दौरान लाठीचार्ज किया. छात्रों ने इस लाठीचार्ज के बाद कई वीडियो सोशल मीडिया पर पोस्ट किए. इन वीडियों में छात्रों को कहते सुना जा सकता है कि पुलिस ने ना सिर्फ हम पर लाठीचार्ज किया बल्कि नीतू मैम और अन्य शिक्षकों पर भी लाठियां बरसाई गई हैं. ये गलत है. हम इसका विरोध करते हैं. छात्रों के विरोध प्रदर्शन के दौरान पुलिस की लाठीचार्ज का वीडियो सोशल मीडिया पर भी जमकर वायरल हो रहा है.
क्यों प्रदर्शन कर रहे हैं छात्र
विरोध प्रदर्शन का एक प्रमुख कारण विभिन्न केंद्रों पर एसएससी चयन पद चरण 13 सहित परीक्षाओं का अचानक रद्द होना है। कई उम्मीदवारों ने लंबी दूरी तय की और यात्रा व आवास पर पैसा खर्च किया, लेकिन उन्हें पता चला कि उनकी परीक्षाएं बिना किसी सूचना के रद्द कर दी गई हैं.
प्रदर्शन कर रहे छात्रों ने कई तकनीकी समस्याओं की भी शिकायत की है. इनमें सिस्टम क्रैश, खराब उपकरण और गलत केंद्र आवंटित होना शामिल है. आयोग द्वारा परीक्षा एग्जाम वेंडर के कदम को इन्हीं व्यवधानों से जोड़ा जा रहा है. छात्रों का दावा है कि नया विक्रेता निष्पक्ष और सुचारू परीक्षा अनुभव प्रदान करने में विफल रहा.
SSC के अभ्यार्थियों की बढ़ती संख्या आयोग से परीक्षा आयोजित करने वाली एजेंसी के साथ अपने अनुबंध को रद्द करने का आग्रह कर रही है, और यूपीएससी सहित विभिन्न परीक्षाओं में एजेंसी की पिछली असफलताओं का हवाला दे रही है. आयकर पदों जैसी आगामी SSC परीक्षाओं में लगभग 30 लाख उम्मीदवारों के शामिल होने की उम्मीद है. ऐसे में छात्र बड़े पैमाने पर भर्ती अभियान चलाने की एजेंसी की क्षमता को लेकर गंभीर चिंताएं जता रहे हैं. खासकर जब उसे छोटी परीक्षाओं में भी संघर्ष करना पड़ा है.
कई लोग अधिकारियों से जवाबदेही और तत्काल कार्रवाई की मांग कर रहे हैं, और चेतावनी दे रहे हैं कि और देरी से स्थिति और बिगड़ सकती है. एक अभ्यार्थी ने कहा कि केवल एक छात्र ही जानता है कि परीक्षा में दस मिनट भी कितना मायने रखते हैं जबकि दूसरे ने कहा कि प्रतियोगी परीक्षा में एक मिनट का भी नुकसान बहुत बड़ा बदलाव ला सकता है.
क्या है छात्रों की मांग
आपको बता दें कि विरोध प्रदर्शन कर रहे छात्रों और शिक्षकों ने एसएससी द्वारा परीक्षाओं के संचालन की जांच की मांग की है. वे सरकार से हस्तक्षेप करने, निष्पक्ष प्रक्रिया सुनिश्चित करने और भर्ती प्रणाली में विश्वास बहाल करने का आग्रह कर रहे हैं. उन्हें उम्मीद है कि सरकार इस मामले में उनके भले के लिए हस्तक्षेप जरूर करेगी.
सोशल मीडिया पर भी किया ट्रेंड
सोशल मीडिया उम्मीदवारों के लिए अपनी स्टोरी साझा करने और विरोध प्रदर्शन आयोजित करने का मुख्य मंच बन गया है. #SSC सिस्टम सुधारो #SSCVendorFailure, #SSCMisManagement, और #JusticeForAspirants जैसे हैशटैग सभी प्लेटफॉर्म पर ट्रेंड कर रहे हैं. कई उपयोगकर्ता SSC के निरंतर कुप्रबंधन के कारण अपने वित्तीय नुकसान, तनाव और छूटे हुए अवसरों को उजागर कर रहे हैं.