प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मिले उपहारों और स्मृतिचिह्नों की शुक्रवार से संस्कृति मंत्रालय द्वारा शुरु की गई ई-नीलामी में ओलंपिक और पैरालंपिक खेल प्रतियोगिताओं में पदक विजेताओं द्वारा इस्तेमाल किए गए सामान आकर्षण का केंद्र हैं और अभी तक इन्हीं की सबसे अधिक बोली लग रही है. मुक्केबाज लवलीना बोरगोहेन द्वारा तोक्यो ओलंपिक खेल के दौरान इस्तेमाल किए गए दस्तानों के लिए अभी तक 1.92 करोड़ रुपये की बोली लग चुकी है. उनके दस्तानों की कीमत 80 लाख रुपये रखी गयी थी. टोक्यो ओलंपिक में भारत को पहला स्वर्ण पदक दिलाने वाले नीरज चोपड़ा के भाले की बोली 1.55 करोड़ रुपये लगी है. इस भाले की बोली एक करोड़ रुपये से शुरु हुई.
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टोक्यो पैरालंपिक की बैडमिंटन स्पर्धा में स्वर्ण पदक विजेता कृष्णा नागर और रजत पदक विजेता एस एल यथीराज के रैकेटों की बोली दिन में 10 करोड़ रुपये की लगी थी लेकिन शाम में बोली की समीक्षा करने पर वे फर्जी पाए गए. अभी तक नागर और यथीराज के बैडमिंटन रैकेट के लिए अधिकतम बोली क्रमश: 80 लाख रुपये और 50 लाख रुपये की लगी है.
तलवारबाज सी ए भवानी देवी की तलवार की भी बोली इसके कम से कम तय मूल्य के बराबर 60 लाख रुपये की लगी है. ओलंपिक की तलवारबाजी स्पर्धा में क्वालीफाई करने वाली देवी पहली भारतीय हैं. टोक्यो पैरालंपिक में भाला फेंक प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक जीतनेवाले सुमित अंतिल द्वारा हस्ताक्षरित भाला पर 1,00,08,000 रुपये की बोली लगी है. इसकी कीमत एक करोड़ रखी गई है.
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शूटिंग स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीतने वाले मनीष नरवाल के चश्मे की दिन में 95.94 लाख रुपये की बोली लगी थी लेकिन शाम में समीक्षा के दौरान यह 20 लाख रुपये हो गई. ई-नीलामी में ओलम्पिक और पैरालम्पिक पदक विजेताओं की खेल सामग्रियों और उपकरणों के अलावा अयोध्या राम मंदिर, चार धाम और रूद्राक्ष सम्मेलन केन्द्र की प्रतिकृतियां, मॉडल, मूर्तियां, पेंटिंग और अन्य उपहार शामिल हैं.