पिछले एक दशक में खेलों के बजट में तीन गुना से ज्यादा की बढ़ोतरी: PM मोदी

PM मोदी ने कहा, "सरकार का फोकस भारत में खेल के बुनियादी ढांचे को आधुनिक बनाने पर भी है. पिछले एक दशक में खेलों के बजट में तीन गुना से ज्यादा की बढ़ोतरी हुई है."

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PM नरेंद्र मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को कहा कि देश में खेल संस्कृति के जितनी बढ़ेगी, भारत की 'सॉफ्ट पावर' उतनी ही बढ़ेगी और उनकी सरकार 2036 ओलंपिक खेलों की मेजबानी के सपने को ध्यान में रखते हुए खेल के बुनियादी ढांचे के आधुनिकीकरण पर ध्यान केंद्रित कर रही है. प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि इस साल के लिए 4 हजार करोड़ रुपये के खेल बजट का एक बड़ा हिस्सा इस उद्देश्य के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है. क्योंकि सरकार देश में दुनिया की सबसे बड़ी प्रतियोगिता लाने के लिए दृढ़ है.

मोदी ने ये टिप्पणियां बिहार में खेलो इंडिया युवा खेलों के सातवें चरण के वर्चुअल उद्घाटन के दौरान कहीं जिसका आयोजन चार से 15 मई तक राज्य के 5 शहरों में किया जाएगा. नयी दिल्ली में भी कुछ स्पर्धाएं आयोजित की जाएंगी.

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के संबोधन के तुरंत बाद प्रसारित अपने वीडियो संदेश में प्रधानमंत्री ने कहा, "खेल अब बिहार में एक संस्कृति के रूप में अपनी पहचान बना रहा है. और देश में जितनी भारतीय खेल संस्कृति बढ़ेगी, भारत की सॉफ्ट पावर उतनी ही बढ़ेगी."

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मोदी ने कहा कि उनकी सरकार ने ओलंपिक खेलों की मेजबानी के लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए एक खेल पारिस्थितिकी तंत्र विकसित किया है.

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उन्होंने कहा, "हर भारतीय का सपना है कि भारत में ओलंपिक का आयोजन हो. अब भारत 2036 में ओलंपिक आयोजित करने की कोशिश कर रहा है."

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भारत की 2036 ओलंपिक की मेजबानी के अधिकार के लिए कतर, सऊदी अरब, तुर्की, दक्षिण कोरिया, इंडोनेशिया और चिली जैसे देशों के साथ प्रतिस्पर्धा हो सकती है.

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भारत ने 2036 खेलों की मेजबानी के लिए आधिकारिक तौर पर अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आईओसी) को अपना आशय पत्र प्रस्तुत किया है, लेकिन किन अन्य देशों ने भी ऐसा किया है, यह अभी तक आधिकारिक तौर पर नहीं पता है.

मोदी ने कहा, "सरकार का फोकस भारत में खेल के बुनियादी ढांचे को आधुनिक बनाने पर भी है. पिछले एक दशक में खेलों के बजट में तीन गुना से ज्यादा की बढ़ोतरी हुई है."

उन्होंने कहा, "फिलहाल खेलों का बजट करीब 4,000 करोड़ रुपये है. इस बजट का एक बड़ा हिस्सा खेलों के बुनियादी ढांचे पर खर्च किया जा रहा है. आज भारत में 1,000 से ज्यादा खेलो इंडिया सेंटर चल रहे हैं. इनमें से तीन दर्जन से ज्यादा सेंटर बिहार में हैं."

मोदी ने कहा कि खेल अब सिर्फ खेल के मैदान तक सीमित नहीं रह गए हैं बल्कि इसका विस्तार हुआ है और यह देश के हजारों लोगों के लिए करियर का विकल्प बन गया है.

उन्होंने कहा, "खेल की दुनिया और खेलों से जुड़ी अर्थव्यवस्था सिर्फ खेलों तक सीमित नहीं है. आज युवाओं को रोजगार और स्वरोजगार के नए अवसर दिए जा रहे हैं. फिजियोथेरेपी है, डेटा एनालिटिक्स है, स्पोर्ट्स टेक्नोलॉजी है, ब्रॉडकास्टिंग है, ई-स्पोर्ट्स है, मैनेजमेंट है, खेलों में अब ऐसे कई सब-सेक्टर हैं. स्टेडियम अब सिर्फ एक पिच नहीं रह गया है, यह हजारों लोगों के लिए रोजगार का जरिया बन गया है."

प्रधानमंत्री ने भाग लेने वाले खिलाड़ियों से खेलों के दौरान कड़ी मेहनत करने और सीखने और सुखद यादें साथ लेकर जाने का आग्रह किया.

उन्होंने कहा, "खेलो इंडिया युवा खेलों के दौरान आप सभी खिलाड़ियों को राष्ट्रीय स्तर पर खेल के स्तर को समझने का मौका मिलेगा. आप बहुत कुछ सीख सकेंगे."

मोदी ने कहा, "बिहार के बाहर से आए खिलाड़ी निश्चित रूप से ‘लिट्टी चोखा' का स्वाद अपने साथ ले जाएंगे. आपको बिहार का खाना भी पसंद आएगा.''

समारोह को संबोधित करते हुए खेल मंत्री मनसुख मांडविया ने कहा, "प्रधानमंत्री मोदी चाहते हैं कि भारत 2047 तक एक विकसित राष्ट्र बने. हम चाहते हैं कि भारत दुनिया के शीर्ष पांच देशों में शामिल हो. खेलो इंडिया युवा खेल एक व्यापक योजना का हिस्सा है. खेल पारिस्थितिकी तंत्र बनाने के प्रयास किए जा रहे हैं."

उन्होंने कहा, "हमें उम्मीद है कि हम 2036 खेलों की मेजबानी करेंगे और हम पदक तालिका में शीर्ष-10 में आने की आकांक्षा रखते हैं. हमें सभी राज्यों से समर्थन और प्रयास की आवश्यकता है. मुझे खुशी है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इन खेलों की मेजबानी के लिए आगे आए हैं."

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