हरियाणा की नवगठित कांग्रेस इकाई में स्थान पाने में विफल रहने के बाद नाराज पार्टी नेता कुलदीप बिश्नोई ने हाल ही में मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर से गुरुग्राम में मुलाकात की, जिसके बाद उनके अगले कदम को लेकर अटकलों का बाज़ार गर्म हो गया है. हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भजन लाल के पुत्र बिश्नोई (53) ने कहा कि उन्होंने राजनीतिक मुद्दों पर खट्टर के साथ विस्तृत चर्चा की. कांग्रेस नेता के एक सहयोगी ने बताया कि बैठक बुधवार शाम को गुरुग्राम में हुई.
बिश्नोई ने ट्विटर पर लिखा कि उनके विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र आदमपुर में ग्राम पंचायत बहाली को लेकर चल रहे धरने एवं अन्य समस्याओं के निदान सहित अन्य राजनीतिक मुद्दों पर मुख्यमंत्री से विस्तृत और सकारात्मक चर्चा हुई.
उन्होंने हिंदी में ट्वीट किया, ‘‘मैं उनका आभारी हूं कि उन्होंने आदमपुर ग्राम पंचायत बहाली को लेकर मेरी बात मानते हुए मेरे सामने निर्देश दिए.''
विशेष रूप से, राज्य इकाई में नई नियुक्तियों के बाद बिश्नोई ने अप्रैल में अपने समर्थकों से कहा था कि वह भी उनकी तरह नाराज हैं, लेकिन उनसे धैर्य रखने का आग्रह किया गया.
कांग्रेस ने पिछले महीने पूर्व विधायक और भूपिंदर सिंह हुड्डा के वफादार उदय भान को कुमारी शैलजा की जगह राज्य इकाई का प्रमुख नियुक्त किया और इसके साथ ही चार कार्यकारी अध्यक्षों को भी नामित किया.
खट्टर के साथ बिश्नोई की मुलाकात ने उनके अगले कदम के बारे में अटकलों को हवा दे दी. गौरतलब है कि कांग्रेस को हाल ही में नेताओं के पलायन का सामना करना पड़ रहा है.
बृहस्पतिवार को पड़ोसी राज्य पंजाब में कांग्रेस को उस समय झटका लगा जब राज्य इकाई के पूर्व प्रमुख सुनील जाखड़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हो गए. कांग्रेस की गुजरात इकाई के कार्यकारी अध्यक्ष हार्दिक पटेल ने एक दिन पहले बुधवार को पार्टी से इस्तीफा दे दिया.
आदमपुर से कांग्रेस विधायक और एक प्रमुख गैर-जाट चेहरा, बिश्नोई ने पार्टी को मजबूत करने के लिए ‘‘जन आधार'' वाले युवा चेहरों को बढ़ावा देने के लिए लड़ाई लड़ी थी.
उन्होंने पहले ज्योतिरादित्य सिंधिया के पार्टी से बाहर होने को एक बड़ा झटका बताया था और कहा था कि देश भर में कई समर्पित नेता हैं जो ‘‘अलग-थलग और असंतुष्ट'' महसूस करते हैं.
कांग्रेस ने 2005 में मुख्यमंत्री पद के प्रमुख दावेदार भजन लाल की अनदेखी करते हुए भूपिंदर सिंह हुड्डा को राज्य का मुख्यमंत्री बनाया था. इसके बाद 2007 में पूर्व सांसद बिश्नोई ने कांग्रेस छोड़ दी और अपना खुद का हरियाणा जनहित कांग्रेस संगठन बनाया था.
हुड्डा के कट्टर विरोधी बिश्नोई ने भाजपा के साथ गठबंधन किया था, लेकिन 2014 के विधानसभा चुनावों से ठीक पहले अलग हो गए, जब भाजपा संगठन ने अपने दम पर चुनाव लड़ा और सरकार बनाई तो बाद में वह कांग्रेस में लौट आए.
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