मुंबई की विशेष पीएमएलए अदालत (PMLA Court) ने भगोड़े आर्थिक अपराधी नीरव मोदी (Nirav Modi) की 39 संपत्तियों को जब्त करने की अनुमति दी है. कोर्ट ने पीएनबी के उस आवेदन को भी स्वीकार कर लिया है जिसमें नीरव मोदी और उनकी कंपनियों द्वारा गिरवी रखी गई या बंधक की गई 9 संपत्तियों की मांग की गई थी. विशेष PMLA अदालत द्वारा दिसंबर 2019 में FEO अधिनियम के अनुसार नीरव मोदी को भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित किया गया था.
इससे पहले बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) और प्रवर्तन निदेशालय (ED) से कहा था कि वे एक सप्ताह के भीतर बैठक करें और भगोड़े हीरा कारोबारी नीरव मोदी के रिश्तेदार मयंक मेहता द्वारा किए गए खुलासे तथा पैसों के लेन-देन से जुड़ी सामग्री साझा करें. नीरव मोदी पंजाब नेशनल बैंक (PNB) धोखाधड़ी मामले में आरोपी है. न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति हिमा कोहली की पीठ ने मेहता से कहा कि जांच एजेंसी को पड़ताल में बैंक खातों के संबंध में जो भी प्रासंगिक जानकारी मिली है, उसे वह सीबीआई के साथ साझा करें.
पीठ बंबई हाईकोर्ट के 23 अगस्त के आदेश को चुनौती देने वाली सीबीआई की याचिका पर सुनवाई कर रही थी. उस आदेश में मेहता को हांगकांग की यात्रा करने और वहां तीन महीने तक रहने की अनुमति दी गई थी.
अदालत के आदेश में कहा गया है, ‘‘भारत के सॉलिसिटर जनरल ने स्पष्ट रूप से कहा है कि यदि आज (बुधवार) से एक सप्ताह के भीतर सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय के जांच अधिकारियों के बीच कोई संयुक्त बैठक आयोजित की जाती है तो केंद्र को कोई आपत्ति नहीं होगी....''
पीठ ने कहा कि सीबीआई ने बैंक खातों में लेन-देन का खुलासा नहीं करने के मुद्दों को उठाया है. इनमें सिंगापुर में एक खाते में 89 लाख अमेरिकी डॉलर और 18 लाख अमेरिकी डॉलर के दो लेनदेन शामिल हैं जिन्हें नीरव मोदी के पिता द्वारा अंतरित किया गया था.
सर्वोच्च अदालत ने कहा कि मेहता को जानकारी जांच एजेंसी के साथ साझा करनी चाहिए जिसके बाद उन्हें विदेश यात्रा की अनुमति देने पर विचार किया जा सकता है. पीठ ने कहा, 'ये सिर्फ बैंक खातों के विवरण हैं जो आप किसी भी समय दे सकते हैं. आप विदेश यात्रा करना चाहते हैं. खातों का विवरण दें और आप जा सकते हैं.'' मेहता ईडी मामले में सरकारी गवाह बन गए हैं और उन्हें माफी दे दी गई है.
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