- अयोध्या में 25 नवंबर को भगवान राम के भव्य मंदिर में धर्म ध्वज समारोह का आयोजन किया जाएगा.
- इस बार समारोह में निषादराज, शबरी माता जैसे रामायण के महत्वपूर्ण समुदायों के लोगों को भी शामिल किया गया है.
- 6000 से 8000 लोगों की सूची तैयार की गई है जिनमें पहले कभी इस तरह के आयोजन में न बुलाए गए लोग हैं.
भगवान राम की पावन जन्मभूमि अयोध्या एक बार फिर भव्य कार्यक्रम के लिए तैयार है. कल यानी 25 नवंबर को अयोध्या में धर्म ध्वजा समारोह होना है. रामलला के भव्य मंदिर में इस बार का ध्वजारोहण समारोह कोई साधारण आयोजन नहीं, बल्कि प्रभु श्रीराम के उस अद्भुत संदेश का जीवंत रूप है जिसमें उन्होंने निषादराज के साथ कंधे से कंधा मिलाकर नाव पार की, शबरी के जूठे बेर चखे और केवट के चरण धोकर सबको समानता का पाठ पढ़ाया.
श्रीराम जन्मभूमि मंदिर निर्माण समिति के चेयरमैन नृपेंद्र मिश्रा ने बताया कि ध्वजारोहण समारोह के लिए इस बार एक खास पहल की गई है. उन्होंने कहा कि 6,000 से 8,000 लोगों की सूची तैयार की गई है, जिनमें वे लोग शामिल हैं जिन्हें पहले कभी इस तरह के आयोजन में नहीं बुलाया गया.
इस कार्यक्रम में क्या है खास?
मिश्रा ने कहा, 'यह सूची VIPs की नहीं है. इसमें वे लोग हैं जिनका उल्लेख हम बचपन से सुनते आए हैं- निषाद राज, शबरी माता जैसी हस्तियों से जुड़े समुदाय. प्रभु श्रीराम ने जिनके साथ भोजन किया, जिनकी सुविधाओं का उपयोग किया, उन वर्गों का प्रतिनिधित्व इस बार होगा.'
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उन्होंने बताया कि चंपत राय सभी व्यवस्थाओं के प्रभारी हैं और इस आयोजन में मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम के संदेश, सामाजिक समरसता को ध्यान में रखा गया है.
बता दें कि समारोह में आम श्रद्धालुओं के साथ वे समुदाय भी शामिल होंगे जिनका रामायण में विशेष उल्लेख है. अयोध्या धाम से गहरे संबंध रखने वाले लोगों को इस कार्यक्रम में प्राथमिकता दी गई है. इस आयोजन के लिए 6,000-8,000 लोगों की सूची तैयार की गई है.
राम मंदिर की धर्म ध्वजा बहुत ही खास
बता दें कि राम मंदिर की धर्म ध्वजा बहुत ही खास है. इसका रंग केसरिया है. केसरिया रंग ज्वाला, प्रकाश, त्याग और तप का प्रतीक माना जाता है, जो कि सनातन परंपरा का भी प्रतीक है.













