लखनऊ से किसके फोन पर हापुड़ पुलिस में एक के बाद एक तबादले

हापुड़ के रामा मेडिकल कॉलेज प्रकरण में अब डीजीपी ऑफिस ने जांच मेरठ जोन के अपर पुलिस महानिदेशक डीके ठाकुर को दी है.

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सूत्रों के मुताबिक इस घटना की शुरुआत सोमवार दोपहर 112 नंबर के एक कॉल से हुई.
हापुड़:

रामा हॉस्पिटल के कथित विवाद के चलते मंगलवार को एसपी, एएसपी, कोतवाल का तबादला कर दिया गया है. वहीं रामा हॉस्पिटर के MS चरणजीत आहलूवालिया को भी हटा दिया गया. हालांकि आधिकारिकतौर पर यूपी पुलिस ने एसपी अभिषेक वर्मा और एएसपी के तबादले का कारण नहीं बताया. लेकिन सूत्रों के मुताबिक इस घटना की शुरुआत सोमवार दोपहर 112 नंबर के एक कॉल से होती है. दरअसल जावेद नाम के एक शख्स ने बताया कि उसकी मां रामा अस्पताल में भर्ती थी. ऑपरेशन हुआ लेकिन बाद खून बहना नहीं रुका. जब अस्पताल से केस समरी मांगी तो अस्पताल ने उनके साथ कथित तौर पर धक्का मुक्की की. इसके बाद  112 नंबर पुलिस पहुंचती है, लेकिन जैसे ही दरोगा हॉस्पिटल जाकर पूछताछ करने की कोशिश करते हैं. MS आहलूवालिया ने कथिततौर अपने गार्ड से पुलिस को बाहर करने को बोलते हैं.

हॉस्पिटल के गार्ड और पुलिस में बहस

प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक हॉस्पिटल के गार्ड और पुलिस में बहस होती है. इस दौरान गार्ड पुलिस को बाहर कर देती है. इसकी जानकारी मिलते ही दोपहर बाद दो दर्जन से ज्यादा पुलिस वाले अधिकारियों के साथ हॉस्पिटल पहुंचे. एंक घंटे की बातचीत के बाद दोनों पक्षों में समझौता हो जाता है और पुलिस लौट आती है. लेकिन रामा अस्पताल की राजनीतिक पहुंच के चलते देर शाम ही IG घटना की जानकारी लेती हैं. हापुड़ के रामा मेडिकल कॉलेज प्रकरण में अब डीजीपी ऑफिस ने जांच मेरठ जोन के अपर पुलिस महानिदेशक डीके ठाकुर को दी है.

सीओ पर भी लटकी तलवार

इस प्रकरण में एसपी हापुड़ अभिषेक वर्मा, एडिशनल एसपी राजकुमार अग्रवाल को शासन ने मंगलवार रात ही हटा दिया था. यहां तक कि अभिषेक वर्मा को प्रतिक्षारत रखा गया है. बुधवार को आईजी रेंज मेरठ ने विवाद का कारण बने इंस्पेक्टर को जिले से बाहर बागपत ट्रांसफर कर दिया. सीओ पर भी कार्रवाई की तलवार लटक रही है, वह लंबी छुट्टी पर थीं ,जिसके बाद उन्हें बीच में ही बुलाना पड़ा. इस बीच पुलिस महकमें में संदेश खराब न जाए तो आज दिखावे के लिए रामा अस्पताल प्रबंधन ने अपने MS को हटा दिया.

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क्या है मामला

एक मरीज़ को कथित तौर पर बेहतर इलाज नहीं मिला तो परिजन हंगामा करने लगे, जिसके बाद पुलिस बुलाई गई. आरोप है कि पुलिस के चौकी इंचार्ज को अस्पताल में नहीं आने दिया गया. फिर सर्कल ऑफिसर आये और उन्होंने एसपी को जानकारी दी. एसपी के आदेश पर बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी अस्पताल पहुंचे. ये सब चल रहा था तभी एसपी का तबादला हो गया.

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