कांग्रेस पार्टी को 24 साल बाद पहला गैर-गांधी अध्यक्ष (Congress New President) मिल गया है. मल्लिकार्जुन खड़गे (Mallikarjun Kharge) ने शशि थरूर को 6825 वोटों से हरा दिया. खड़गे को 7897 वोट मिले, वहीं थरूर को 1072 वोट ही मिल सके. 416 वोट रिजेक्ट कर दिए गए. कांग्रेस अध्यक्ष चुने जाने के तुंरत बाद मल्लिकार्जुन खड़गे ने सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) से मिलने के समय मांगा था. वो 10 जनपथ जाकर उनका शुक्रिया अदा करना चाहते थे, लेकिन उनको समय नहीं मिला. हालांकि, सोनिया गांधी के दिमाग में कुछ और प्लान था. दरअसल, सोनिया गांधी चाहती थीं कि खुद खड़गे के घर जाकर माहौल को दूसरी शक्ल दें. खड़गे की जीत के बाद सोनिया गांधी और प्रियंका वाड्रा उनके घर पहुंचीं. दोनों ने गर्मजोशी के साथ खड़गे से मुलाकात की और पार्टी का अध्यक्ष बनने के लिए शुभकामनाएं दीं.
दरअसल, मल्लिकार्जुन खड़गे परंपरा को कायम रखते हुए गांधी परिवार के पास खुद जाने के इच्छुक थे. लेकिन सोनिया गांधी ने लीक से हटकर कुछ करने का मन बनाया था. फिर पूरा फोकस 10 जनपथ की बजाए खड़गे के घर 10 राजाजी मार्ग पर हो गया. सोनिया गांधी के साथ प्रियंका गांधी वाड्रा भी खड़गे के घर गई थीं. दोनों ने खड़गे को बुके देकर जीत की बधाई दी.
कांग्रेस में परंपरा के मुताबिक पार्टी के नेता गांधी परिवार के घर जाकर मुलाकात करते रहे हैं. इससे पहले गांधी परिवार ने केवल एक बार इस परंपरा को तोड़ा था. उस वक्त सोनिया गांधी खुद मनमोहन सिंह के घर पहुंची थीं. उस दौरान कोयला घोटाले में पूर्व पीएम को समन किया गया था. सोनिया ने पार्टी दफ्तर से मनमोहन के घर तक एक मार्च निकाला था. कांग्रेस की मजबूती और एकजुटता का सबूत देने के लिए यह आयोजन किया गया था.
पार्टी में मेरा रोल अब खड़गे जी तय करेंगे- राहुल गांधी
इस बीच राहुल गांधी से जब पार्टी में उनके रोल के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा- खड़गेजी से पूछिए. अब वही तय करेंगे. एनडीटीवी से बात करते हुए राहुल ने कहा, "मैं नए अध्यक्ष को रिपोर्ट करूंगा." कांग्रेस के नए प्रमुख के पदभार संभालने पर कई सवालों के जवाब में उन्होंने कहा, "नए अध्यक्ष पार्टी में मेरी भूमिका तय करेंगे."
इस चुनाव में जीत के साथ ही खड़गे कांग्रेस अध्यक्ष बनने वाले 65वें नेता हो गए हैं. वे कांग्रेस अध्यक्ष बनने वाले दूसरे दलित नेता हैं. बाबू जगजीवनराम कांग्रेस अध्यक्ष बनने वाले पहले दलित नेता थे. आजादी के बाद 75 साल में से 42 साल तक पार्टी की कमान गांधी परिवार के पास रही. वहीं, 33 साल पार्टी अध्यक्ष की बागडोर गांधी परिवार से अलग नेताओं के पास रही.
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Video: मल्लिकार्जुन खड़गे ने अध्यक्ष चुनाव में जीत के बाद कहा, 'मिलकर पार्टी को आगे बढ़ाएंगे'