"नेहरू महान थे तो उनका सरनेम क्यों नहीं रखते", गांधी परिवार पर PM मोदी ने कसे तंज

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, 'मुझे ये समझ नहीं आता कि अगर नेहरू महान थे, तो उनकी पीढ़ी का कोई व्यक्ति नेहरू सरनेम क्यों नहीं रखता? क्या शर्मिंदगी है नेहरू सरनेम रखने में. इतना बड़ा महान व्यक्ति आपको और आपके परिवार को मंजूर नहीं है... और आप हमारा हिसाब मांगते हो.'

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राज्यसभा में विपक्ष की नारेबाजी और शोर-शराबे के बीच भी पीएम मोदी ने अपना भाषण जारी रखा.

नई दिल्ली:

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने गुरुवार को राज्यसभा में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (President Draupadi Murmu) के अभिभाषण पर जवाब दिया. पीएम मोदी का भाषण शुरू होने से पहले ही विपक्ष के सदस्य नारेबाजी करने लगे. हंगामे के बीच प्रधानमंत्री ने भाषण जारी रखा. पीएम ने इस दौरान गांधी परिवार पर नेहरू सरनेम को लेकर तंज भी कसे. पीएम ने कहा, 'किसी कार्यक्रम में अगर नेहरूजी के नाम का उल्लेख नहीं हुआ, तो कुछ लोगों के बाल खड़े हो जाते थे. लहू गर्म हो जाता था.' प्रधानमंत्री ने कहा, 'मुझे ये समझ नहीं आता कि अगर नेहरू महान थे, तो उनके परिवार का कोई व्यक्ति नेहरू सरनेम क्यों नहीं रखता? क्या शर्मिंदगी है नेहरू सरनेम रखने में. इतना बड़ा महान व्यक्ति आपको और आपके परिवार को मंजूर नहीं है... और आप हमारा हिसाब मांगते हो.'

राज्यसभा में जैसे ही प्रधानमंत्री ने अपना भाषण शुरू किया, विपक्षी सदस्य सदन के केंद्र में पहुंचे और जोर-शोर से नारेबाजी करने लगे. हालांकि, इस नारेबाजी और शोर-शराबे के बीच भी पीएम मोदी ने अपना भाषण जारी रखा. उन्होंने कहा- 'देश देख रहा है कि एक अकेला कितनों पर भारी पड़ रहा है. अरे नारे बोलने के लिए भी उनको लोग बदलने पड़ रहे हैं. अकेले घंटेभर से बोल रहा हूं रुका नहीं. उनके अंदर हौसला नहीं है, वो बचने का रास्ता ढूंढ रहे हैं.'

राज्यों को भी अनुशासित होना होगा
पीएम मोदी ने कहा- 'देश की आर्थिक सेहत के लिए राज्यों को भी अनुशासित होना होगा. तभी राज्य भी विकास की यात्रा का लाभ ले सकेंगे. जिनकी दो वक्त की रोटी का सपना था, उस पर आपने ध्यान नहीं दिया. सामाजिक न्याय आपने नहीं देखा, हमने देखा. अवसरों को उपलब्ध कराने के लिए हमने कदम उठाए. आजाद भारत के सपने पूरे करने के लिए हम संकल्प बद्ध होकर चले.'

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देश किसी परिवार की जागीर नहीं
पीएम ने आगे कहा, 'कुछ लोगों को समझना होगा कि सदियों पुराना देश आम आदमी के पसीने, पीढ़ियों से चली आ रही परंपराओं का देश है. किसी परिवार की जागीर नहीं है. हमने खेल रत्न ध्यानचंद के नाम पर कर दिया. अंडमान के द्वीपों का नाम सुभाष चंद्र बोस, परमवीर चक्र विजेताओं के नाम पर कर दिया. हिमालय की चोटी एवरेस्ट कर दी गई. हमने द्वीपों का नाम परमवीर चक्र विजेताओं के नाम कर दिया.'

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