रेल हादसे के बाद तमिलनाडु के छह यात्रियों से संपर्क नहीं हो सका : राज्य सरकार

ओडिशा में हुए रेल हादसे में जीवित बचे कई लोग विशेष ट्रेन से रविवार को यहां पहुंचे. उनके चेहरों से साफ जाहिर हो रहा था कि वे सदमे में हैं. केरल की रहने वाली एक महिला ने कहा कि उन्होंने सिर्फ टेलीविजन पर हादसों को देखा था.

विज्ञापन
Read Time: 25 mins
ओडिशा ट्रेन हादसे में ढाई सौ से ज्‍यादा यात्रियों की मौत हो गई.
चेन्नई:

तमिलनाडु सरकार ने रविवार को कहा कि ओडिशा रेल हादसे के सिलसिले में अबतक राज्य के महज छह लोगों से संपर्क नहीं हो सका है जबकि भद्रक से एक विशेष ट्रेन के जरिये 100 से अधिक लोग यहां पहुंचे. बचाव कार्यों में तालमेल के सिलसिले में परिवहन मंत्री एस.एस. शिवशंकर के साथ ओडिशा दौरे से लौटे युवा कल्याण मंत्री उदयनिधि मारन ने कहा कि उन्होंने ओडिशा में किसी भी अस्पताल में तमिलनाडु के किसी घायल व्यक्ति को इलाज कराते हुए नहीं पाया. 

उदयनिधि और शिवशंकर अस्पताल, मुर्दाघर और बचाव कार्यों के लिए ओडिशा द्वारा स्थापित कॉल सेंटर गये थे. उन्होंने ओडिशा के मुख्य सचिव प्रदीप कुमार जेना एवं वरिष्ठ अधिकारियों से बातचीत की. अपनी दो दिवसीय यात्रा से लौटे उदयनिधि ने कहा कि तमिलनाडु का कोई भी यात्री प्रभावित नहीं हुआ.

राज्य सरकार ने ट्रेन हादसे के सिलसिले में उसे अबतक मिली आधिकारिक सूचना का हवाला देते हुए कहा कि तमिलनाडु के एक भी व्यक्ति की जान नहीं गयी और न ही कोई ऐसा घायल है जिसे इलाज की जरूरत है.

उदयनिधि ने कहा कि जहां तक तमिलनाडु के उन आठ व्यक्तियों की बात है जिनसे संपर्क नहीं हो सका है तो अधिकारियों ने उनमें दो - नरकानिगोपी और ए. जगदीशन का पता लगा लिया है और उनसे बात भी की है. वे दोनों सुरक्षित हैं.

उन्होंने कहा कि सह-यात्रियों ने रेलवे पुलिस को सूचित किया है कि छह अन्य भी सुरक्षित हैं. 

सौ से अधिक यात्रियों को पूरी तरह परखने के बाद उनमें से 36 यात्रियों का मेडिकल परीक्षण किया गया जिनमें एक यात्री को यहां राजीव गांधी सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया है. परीक्षण के बाद सभी यात्रियों को घर भेज दिया गया. मामूली रूप से घायल लोगों का इलाज किया गया.

ओडिशा में हुए रेल हादसे में जीवित बचे कई लोग विशेष ट्रेन से रविवार को यहां पहुंचे. उनके चेहरों से साफ जाहिर हो रहा था कि वे सदमे में हैं.

Advertisement

केरल की रहने वाली एक महिला ने कहा कि उन्होंने सिर्फ टेलीविजन पर हादसों को देखा था और जब खुद इसका सामना किया तो वह बुरी तरह डर गई हैं. 

उन्होंने यहां पत्रकारों से कहा, “यात्रियों को दी जाने वाली चादरों का इस्तेमाल घायलों को ले जाने के लिए किया गया. चादरें उनके खून से लाल हो गईं. बहुत डरावना मंजर था.”

Advertisement

इस हादसे से सहमे एवं यात्रा से थके एक अन्य व्यक्ति ने कहा कि चारों तरफ खून और कटे हुए हाथ-पैर तथा इधर-उधर बिखरे शवों को देखना बड़ा दर्दनाक था. 

दुर्घटना में जख्मी हुए अन्य मुसाफिर ने कहा, "मैं बोगी एस-1 में सो रहा था.अचानक से मैंने धमाके की आवाज़ सुनी. इससे पहले मैं कुछ समझ पाता कि क्या हुआ है एक रॉड जैसी कोई चीज़ मेरी पसलियों के पास लगी और मैं करीब-करीब बेहोश हो गया."

Advertisement

उन्हें स्वास्थ्य कर्मी व्हीलचेयर पर राजीव गांधी सरकारी मेडिकल कॉलेज ले गए. 

तमिलनाडु के सेलम के रहने वाले सैनिक कनगराज चेन्नई आ रही ट्रेन में सवार थे. उन्होंने कहा कि चालक द्वारा अचानक ब्रेक लगाने से बोगियां अलग हो गईं, कुछ एक तरफ गिरीं और कुछ अन्य डिब्बों पर जा गिरीं.

उन्होंने बताया कि जब बोगी हिली तो कुछ लोग एक के बाद एक उनके हाथ पर गिर पड़े. उन्होंने जितना संभव हो सका, उतने लोगों को बचाया, खासकर बच्चों को बचाया.

Advertisement

स्वास्थ्य मंत्री एम. सुब्रमण्यम ने पत्रकारों से कहा कि ओडिशा से कुल 294 यात्री विशेष ट्रेन में सवार हुए थे जिनमें से 137 यात्री यहां पहुंचे और अन्य यात्री अलग-अलग गंतव्यों पर उतरे. 

ये भी पढ़ें :

* VIDEO: हादसे के 51 घंटे बाद बालासोर में रेल सेवा बहाल, रेल मंत्री ने की प्रार्थना
* Odisha Train Accident: अनुराग ठाकुर ने विपक्ष से कहा- क्या इस दुख की घड़ी में भी राजनीति करेंगे?
* Odisha Train Accident: परिजनों की तलाश में भटक रहे लोगों की मदद के लिए रेलवे ने बनाई हेल्प डेस्क

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
Featured Video Of The Day
Adani Group पर आरोपों के पीछे America की गंदी अंदरूनी राजनीति और भारत विरोधी ताकतों का हाथ है?
Topics mentioned in this article