सिंघू बार्डर पर नेशनल हाईवे को 385 दिन बाद आम जनता की आवाजाही के लिए पूरी तरह खोल दिया गया है. कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन करने वाले किसान पिछले साल 26 नवंबर को यहां पहुंचे थे जिसके बाद से दिल्ली से हरियाणा और पंजाब जाने वाला हाईवे पूरी तरह बंद कर दिया गया था. किसान सिंघू बार्डर से 11 तारीख़ को लौटे थे जिसके बाद सड़क की मरम्मत करने के बाद गुरुवार को हाईवे को खोल दिया गया है. सिंघू बार्डर को पूरी तरह से खोले जाने के बाद नेशनल हाईवे से गाड़ियों की आवाजाही शुरू हो गई है. करीब 385 दिन बाद हाईवे खोला गया है. केंद्र सरकार और आंदोलनरत किसानों के बीच मांगों को लेकर सहमति बनने के बाद किसानों ने अपना आंदोलन खत्म कर दिया है. वे सिंघु बार्डर से अपने घर रवाना हो चुके हैं. किसानों के सिंघू बार्डर को खाली करने के बाद NHAI ने सड़क की मरम्मत की और फिर मार्ग को आवाजाही के लिए खोल दिया गया.
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गौरतलब है कि मांगें स्वीकार किर जाने के बाद किसानों ने एक वर्ष से अधिक समय से चल रहा अपना आंदोलन ख़त्म किया है.आंदोलन खत्म करने के बाद किसान नेताओं ने अमृतसर में स्वर्ण मंदिर जाकर मत्था टेका. 15 जनवरी को दिल्ली में संयुक्त किसान मोर्चा दिल्ली में फिर बैठक करेगा.
सरकार की ओर से किसान संगठनों को भेजे गए लेटर में यह बातें है, जिसके बाद किसानों ने आंदोलन खत्म कर दिया..
- सरकार MSP की गारंटी पर समिति बनाएगी जिसमें SKM से किसान नेता शामिल होंगे
- देशभर में हुए किसानों पर मुक़दमे वापस होंगे
- सरकार मृत किसानों को मुआवज़ा देगी
- बिजली बिल को सरकार SKM से चर्चा करने के बाद संसद में लाएगी
- पराली जलाने पर किसानों पर कार्यवाही नहीं होगी.