मुंबई में जिस रफ्तार से कोरोना के मामले बढ़े उसी रफ्तार से नीचे आ रहे हैं. बीते चार दिनों से कम होते मामलों और कम होते संक्रमण दर पर कोविड टास्क फोर्स का मानना है कि ये तीसरी लहर के कमजोर होने के संकेत हैं. बीकेसी कोविड जंबो सेंटर के डीन डॉ राजेश डेरे ने बताया, "कोविड सेंटरों में बेड फटाफट खाली हो रहे हैं, जो मरीज भर्ती हैं वो भी जल्द रिकवरी की ओर हैं. शहर के सबसे बड़े बीकेसी जंबो कोविड सेंटर में पिछले तीन दिनों में 300 मरीज डिस्चार्ज हुए हैं, फिलहाल 70% बेड खाली हैं. मुंबई में फिलहाल कोविड के एक लाख ऐक्टिव मरीज हैं, लेकिन 8% ही अस्पताल में भर्ती हैं, बाकी 92% घर पर ही ठीक हो रहे हैं."
मुंबई में इस साल सात जनवरी को सबसे ज्यादा 20,971 मामले सामने आए थे और उसके बाद से मामलों में गिरावट ही देखी गई है. इस पीक की तुलना में फिलहाल शहर के रोज के मामलों में 44% की कमी दर्ज हुई है. संक्रमण दर भी 30% से घटकर 19% पर आ गई है.
महाराष्ट्र कोविड टास्क फोर्स मानती है कि ये तीसरी लहर के कमजोर पड़ने के संकेत हैं. कोविड टास्क फोर्स के सदस्य डॉ राहुल पंडित ने कहा, "मुंबई में तीसरी लहर पर ब्रेक लगने के नतीजे तक पहुंचने के लिए बीएमसी इस हफ्ते के आखिर तक इंतजार करना होगा."