सिद्धू मूसे वाला मर्डर केस (Sidhu Moose wala Murder Case) मामले में गैंगस्टर गोल्डी बरार के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया गया है. मूसे वाला की हत्या की जिम्मेदारी गोल्डी बरार ने ली थी. जो गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई का करीबी सहयोगी भी बताया जा रहा है है. इस समय गोल्डी बरार कनाडा में है.
सीबीआई ने गुरुवार को ये क्लेरिफिकेशन दिया था कि पंजाब पुलिस ने 30 मई यानी मुसेवाला की हत्या के एक दिन बाद गोल्डी के लिए रेड कॉर्नर नोटिस जारी करने की अपील की थी. जबकि वो सालों से कई केस में वांटेड था, लेकिन तब पंजाब पुलिस ने कोई रिक्वेस्ट नहीं की.
वहीं पंजाब पुलिस ने दलील दी है कि 19 मई को ही रेड कॉर्नर के लिए कहा था, लेकिन सीबीआई को 30 को डाक मिला. फिर सीबीआई ने 2 जून को रेड कॉर्नर जारी कर दिया. अब गोल्डी बरार के लिए इंटरपोल की साइट पर रेड कॉर्नर नोटिस जारी हो गया है.
इंटरपोल ने मोहाली टेरर अटैक और लुधियाना कोर्ट काम्प्लेक्स में विस्फोट के आरोपी हरविन्दर सिंह रिन्दा के खिलाफ भी रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया है. रिन्दा पाकिस्तान में ISI की सरपरस्ती में पंजाब में आतंकी साजिश को अंजाम देने में जुटा है. रिन्दा पर ड्रोन के जरिये पंजाब में हथियार भेजने का भी आरोप है.
सूत्रों के मुताबिक, रिन्दा ISI के k2 डेस्क का एक्टिव मेंबर है, जो वहां बैठकर पंजाब में आतंकी साजिश को अंजाम देने के लिए रिक्रूटमेंट का काम देख रहा है.
पंजाबी गायक सिद्धू मूसे वाला की 29 मई को मानसा में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. पोस्टमार्टम रिपोर्ट से पता चला था कि मूसे वाला के शरीर में 19 गोलियां मारी गई थीं और 15 मिनट के भीतर ही उनकी मौत हो गई थी.
ज्यादातर गोलियां मूसे वाला के शरीर के दाहिने हिस्से में लगीं. गोलियां किडनी, लिवर, फेफड़े और रीढ़ की हड्डी में भी लगी हैं. मौत का कारण हेमरेज शॉक बताया गया है. बिश्नोई ने कथित तौर पर पुलिस को बताया कि गोल्डी बरार को पता लगा था कि मूसे वाला उसके मैनेजर की मदद कर रहा था, जिसके लिंक पिछले साल अगस्त में हुई अकाली दल नेता विकी मिड्डूखेड़ा की हत्या से थे.
इससे पहले पंजाब पुलिस ने मूसे वाला हत्याकांड में अपराधियों को लॉजिस्टिक सहायता प्रदान करने, रेकी करने और शूटरों को पनाह देने के आरोप में कम से कम आठ लोगों को गिरफ्तार किया था. गिरफ्तार लोगों में संदीप उर्फ केकड़ा (सिरसा, हरियाणा), मनप्रित सिंह उर्फ मन्नू ज़तलवंडी साबो (भटिंडा), मनप्रीत भाऊ (फरीदकोट), सरज मिंटू (अमृतसर), प्रभू दीप सिद्धू उर्फ पब्बी (हरियाणा तख्त माल), मोनू डागर (रेवाड़ी), पवन बिश्नोई और नसीब (फतेहाबाद हरियाणा के रहने वाले बताए जा रहे हैं.
पुलिस ने वारदात में शामिल चार शूटरों की भी पहचान कर ली है. गिरफ्तार किए गए व्यक्तियों की भूमिका के बारे में विस्तार से पता लगाया जा रहा है.
पुलिस का कहना है कि संदीप उर्फ केकड़ा ने गोल्डी बरार और सचिन थापन उर्फ सचिन बिश्नोई के निर्देश पर खुद को सिद्दू मूसेवाला का फैन बताकर गायक की गतिविधियों पर नजर रखी थी. केकड़ा ने गायक के साथ सेल्फी भी ली, जब सिद्दू अपनी हत्या से कुछ मिनट पहले अपने घर से निकल रहा था.
केकड़ा ने शूटरों और विदेश में बैठे हैंडलर को सभी इनपुट साझा किए, जैसे कि सिंगर के साथ उसके सुरक्षाकर्मी नहीं हैं, कितने लोग उसके साथ हैं, गाड़ी की जानकारी और वह बिना बुलेट प्रूफ कार महिंद्रा थार से आ रहा है.
सिद्धू मूसेवाला केस के संबंध में पुलिस ने पुणे से एक आरोपी को गिरफ्तार किया
मनप्रीत मन्ना ने मनप्रीत भाऊ को एक टोयोटा कोरोला कार दी थी. उसके बाद ये कार सरज मिंटू के निर्देश पर 2 लोगों को दी गई, जिन पर शूटर होने का संदेह है. सरज गोल्डी बरार और सचिन थापन का करीबी है.
पांचवे आरोपी प्रभदीप सिद्धू उर्फ पब्बी ने जनवरी 2022 में हरियाणा से आए गोल्डी बराड़ के दो साथियों को पनाह दी थी और उसके जरिए सिद्धू मूसे वाला के घर और आसपास के इलाकों की रेकी भी की थी. जबकि मोनू डागर ने गोल्डी बरार के निर्देश पर इस हत्या को अंजाम देने के लिए 2 शूटर मुहैया कराए और शूटरों की टीम को इकट्ठा किया. पवन बिश्नोई और नसीब ने शूटरों को बोलेरो कार दी थी और उन्हें छिपने का ठिकाना भी मुहैया कराया था.
आईजीपी पीएपी जसकरण सिंह के नेतृत्व में एसआईटी इस मामले की जांच कर रही है और पहचान किए गए शूटरों और अपराध में शामिल अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए प्रयास किए जा रहे हैं.
सिद्धू मूसे वाला मर्डर केस : गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई है मास्टरमाइंड - पुलिस