- शुभांशु शुक्ला ने अंतर्राष्ट्रीय स्पेस स्टेशन पर Axiom मिशन‑4 के तहत दो सप्ताह तक मिशन संचालित किया
- शुभांशु शुक्ला ने ISS पर 60 से अधिक प्रयोग किए, जिनमें कई सीधे ISRO के निर्देशानुसार थे
- दिल्ली के IGI एयरपोर्ट पर केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह और अन्य प्रमुखों ने शुभांशु का भव्य स्वागत किया
लोकसभा में आज विशेष दिन है, जिसमें भारतीय वायु सेना के ग्रुप कैप्टन और ISRO मिशन पायलट शुभांशु शुक्ला की अंतर्राष्ट्रीय स्पेस स्टेशन (ISS) यात्रा और उसके बाद की वापसी पर व्यापक चर्चा होगी. यह सत्र “भारत का अंतरिक्ष कार्यक्रम और विकसित भारत 2047 में इसकी भूमिका” विषय पर आधारित है.
शुभांशु शुक्ला का रविवार सुबह आगमन हुआ, जहां दिल्ली में IGI एयरपोर्ट पर उनका भव्य स्वागत किया गया. इस अवसर पर केंद्रीय अंतरिक्ष मंत्री जितेंद्र सिंह, दिल्ली के मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता और ISRO के अध्यक्ष वी. नारायणन मौजूद थे. शुक्ला की सफलता केवल व्यक्तिगत उपलब्धि नहीं, बल्कि भारत की वैज्ञानिक दृष्टि और अंतरिक्ष क्षेत्र में बढ़ते आत्मविश्वास का प्रतीक है. शुक्ला ने Axiom Mission‑4 के तहत जून-जुलाई में लगभग दो सप्ताह तक ISS पर मिशन संचालित किया, जिसमें उन्होंने 60 से ज्यादा प्रयोगों का संचालन किया, जिनमें से कुछ सीधे ISRO‑निर्देशित थे.
शुक्ला के पीएम मोदी से मिलने और उसके बाद अपने गृहनगर लखनऊ जाने की उम्मीद है. उम्मीद है कि 22-23 अगस्त को ISS समारोह में भाग लेने के लिए राजधानी लौटेंगे. सिंह ने ‘एक्स' पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘भारत का अंतरिक्ष गौरव भारतीय धरती को छू रहा है... मां भारती के प्रतिष्ठित सपूत, गगनयात्री शुभांशु शुक्ला आज तड़के दिल्ली पहुंचे. उनके साथ ग्रुप कैप्टन प्रशांत बालकृष्णन नायर भी हैं, जो भारत के पहले मानव मिशन गगनयान के लिए चुने गए अंतरिक्ष यात्रियों में से एक हैं और आईएसएस के मिशन के लिए भारत के नामित अंतरिक्ष यात्री थे.'' शुक्ला और उनके न जा पाने की स्थिति में (यात्रा के लिये) प्रशांत नायर ‘आरक्षित' अंतरिक्ष यात्री थे.
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