श्रद्धा वॉकर मर्डर केस की जांच कर रही दिल्ली पुलिस के सामने एक बड़ी मुश्किल आ गई है. श्रद्धा (Shraddha Walkar Murder) के लिव-इन पार्टनर और हत्यारोपी आफताब अमीन पूनावाला (Aaftab Poonawala) को आज वर्चुअली यानी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए साकेत कोर्ट में पेश किया गया. यहां आफताब ने श्रद्धा को मारने और लाश के टुकड़े कर ठिकाने लगाने की बात कबूल तो कर ली, लेकिन इसे सबूत के तौर पर आफताब के खिलाफ इस्तेमाल नहीं किया जा सकेगा. दरअसल, आफताब पूनावाला का ये शुरुआती कबूलनामा मजिस्ट्रेट के सामने नहीं हुई है और स्वीकार्य सबूत बनाने के लिए ऐसा करना जरूरी होता है.
आफताब पूनावाला ने आज अदालत में जो अपना बयान दोहराया, उसे भी सबूत के तौर पर नहीं गिना जाएगा; क्योंकि यह रिमांड पर लेने के लिए सुनवाई थी. इसे वास्तविक सुनवाई नहीं कहा जा सकता. ये कोर्ट में आफताब की दूसरी वर्चुअल पेशी थी. लीगल न्यूज वेबसाइट बार एंड बेंच कि रिपोर्ट्स में यह दावा किया गया है कि आफताब ने कोर्ट में मर्डर की बात कुबूल ली. जज से कहा कि उसने उकसावे और गुस्से में श्रद्धा का मर्डर किया. उसने यह भी कहा कि पुलिस को सबकुछ बता चुका हूं. अब घटना याद करने में मुश्किल आ रही है.
उधर, न्यूज एजेंसी ANI ने पुलिस सूत्रों के हवाले से खबर दी है कि मंगलवार शाम रोहिणी FSL लैब में आफताब का पॉलीग्राफ टेस्ट शुरू हो गया. इसके अलावा साकेत कोर्ट ने आफताब को परिवार से मिलने की इजाजत दी है.
इस केस में पुलिस के पास कोई प्राथमिक गवाह नहीं हैं. हां... इस समय पुलिस के पास छह महीने पहले की गई एक हत्या के परिस्थितिजन्य सबूत ही हैं. पुलिस इसे एक पुख्ता मामला बनाने के लिए फॉरेंसिक साइंस के भरोसे है, जहां हर कदम की स्वतंत्र रूप से पुष्टि की जानी है.
आफताब पूनावाला ने पुलिस को बताया है कि उसने 18 मई को श्रद्धा वॉकर की हत्या की थी. लेकिन लाश के सभी टुकड़े नहीं मिले हैं, खासकर श्रद्धा का सिर. जिससे पुलिस ये साबित कर सके कि 18 मई के बाद श्रद्धा जीवित नहीं थी. पुलिस ऐसे में श्रद्धा के करीबी रिश्तेदारों और दोस्तों से भी संपर्क कर रही है, ताकि ये पता चल सके कि क्या श्रद्धा ने 18 मई के बाद उनसे संपर्क किया था.
वहीं, आफताब पूनावाला के बताए गए जगहों पर पुलिस ने जो हड्डियां और इंसानी जबड़ा बरामद किया है, वो श्रद्धा का है या नहीं, इसके लिए उसके पिता और भाई के साथ डीएनए मैच कराया जा रहा है, जिसकी रिपोर्ट केंद्रीय फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला (CFSL) से एक हफ्ते के अंदर आने की उम्मीद है. सबसे अहम चीज है मर्डर वेपन.
सबसे अहम चीज है मर्डर वेपन, जिससे आफताब ने श्रद्धा की हत्या की थी. पूनावाला ने दावा किया कि उसने अपनी गर्लफ्रेंड का गला घोंट दिया था. पुलिस ने शरीर के टुकड़े-टुकड़े करने के लिए इस्तेमाल किए गए हथियार बरामद कर लिए हैं, लेकिन छह महीने बाद उनसे फोरेंसिक सबूत मिलने की उम्मीद कम है.
वहीं, दिल्ली पुलिस को आफताब के बाथरूम की टाइल्स से अहम सबूत मिले हैं. फोरेंसिक एक्सपर्ट ने ये सबूत हासिल किए हैं. सबूत क्या हैं, ये अभी नहीं बताया गया है. पहले आफताब के बाथरूम की टाइल्स पर भी खून के निशान मिले थे. एक्सपर्ट की रिपोर्ट आने में 2 हफ्ते का वक्त लगेगा.
हत्या का मकसद भी एक समस्या है, क्योंकि आफताब पूनावाला ने दावा किया है कि यह पूर्व नियोजित नहीं था. उसने एक झगड़े के दौरान उकसावे और गुस्से में आकर श्रद्धा का गला घोंट दिया था.
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