अविवाहित महिलाओं को भी मिले सरोगेसी का अधिकार? SC मामले के परीक्षण को तैयार

याचिका में महिला ने कहा है कि विवाहित महिलाओं, विधवाओं और तलाकशुदा महिलाओं को ही सरोगेसी के लाभों तक पहुंच देने और अविवाहित या सिंगल महिलाओं पर रोक लगाने से संविधान के अनुच्छेद 14 का उल्लंघन होता है, जो समानता के अधिकार से संबंधित है.

विज्ञापन
Read Time: 10 mins
अविवाहित महिलाओं को सरोगेसी के अधिकार पर SC में सुनवाई

अविवाहित महिलाओं को भी मिले सरोगेसी का अधिकार ?  सुप्रीम कोर्ट मामले का परीक्षण करने को तैयार है. कोर्ट ने केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है.  दरअसल, अविवाहित महिलाओं को सरोगेसी का लाभ उठाने से रोकने के लिए सरोगेसी कानून के प्रावधानों को चुनौती देने वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस जारी किया है.  सरोगेसी कानून, 2021 के उस प्रावधान को चुनौती दी गई है, जिसमें अविवाहित महिलाओं को 'इच्छुक महिला' की परिभाषा के दायरे से बाहर रखा गया है. दरअसल, कानून के तहत इच्छुक महिलाओं में भारतीय महिलाएं शामिल हैं, जो 35 से 45 वर्ष की आयु के बीच विधवा या तलाकशुदा हैं और जो सरोगेसी का लाभ उठाने का इरादा रखती हैं.

जस्टिस अजय रस्तोगी और जस्टिस बेला एम त्रिवेदी की पीठ ने अपने आदेश में अविवाहित महिला द्वारा दायर याचिका पर नोटिस जारी करते हुए कहा कि याचिका की एक प्रति अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी के कार्यालय को उपलब्ध कराई जाए, जो पहले ही एक ऐसे केस में पेश हो रही हैं.

याचिका में महिला ने कहा है कि विवाहित महिलाओं, विधवाओं और तलाकशुदा महिलाओं को ही सरोगेसी के लाभों तक पहुंच देने और अविवाहित या सिंगल महिलाओं पर रोक लगाने से संविधान के अनुच्छेद 14 का उल्लंघन होता है, जो समानता के अधिकार से संबंधित है. याचिका में यह भी कहा गया है कि इस तरह का प्रावधान एक महिला के स्वायत्तता के अधिकार और उसके प्रजनन निर्णयों पर नियंत्रण का उल्लंघन करता है. विधायिका सरोगेसी के लिए कानून आयोग द्वारा दी गई सिफारिशों को लागू करने में विफल रही है, जिसमें अविवाहित महिला को भी सरोगेसी के अधिकार में शामिल करने को कहा गया था.

Advertisement
Featured Video Of The Day
Aniruddhacharya EXCLUSIVE: महिलाओं पर विवादित को लेकर अनिरुद्धाचार्य ने अपनी सफाई में क्या कुछ कहा?
Topics mentioned in this article