आम आदमी पार्टी (AAP) के राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा (Raghav Chadha) को अदालत से झटका लगा है. दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट ने राघव चड्ढा को मिले सरकारी बंगले को खाली कराने ले लिए राज्यसभा सचिवालय के आदेश पर लगी अंतरिम रोक हटा दी है. इसका मतलब अब राज्यसभा सचिवालय राघव चड्ढा से उनका सरकारी बंगला खाली करवा सकता है.
पंजाब से आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा को पिछले साल सितंबर में दिल्ली के पंडारा रोड पर टाइप-7 बंगला अलॉट हुआ था. लेकिन इस साल मार्च में राघव चड्ढा को सूचित किया गया कि उनको अपना टाइप-7 बंगला खाली करना होगा क्योंकि यह उनकी पात्रता से अधिक था. चड्ढा को बंगले की जगह फ्लैट आवंटित करने की बात कही गई.
राघव चड्ढा ने इसके खिलाफ अदालत का रुख किया. 18 अप्रैल को दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट ने राज्यसभा सचिवालय के उस आदेश पर अंतरिम रोक लगाई जिसके तहत राघव चड्ढा को बंगला खाली करने के लिए कहा गया था. लेकिन अब पटियाला हाउस कोर्ट ने उस अंतरिम रोक को हटा लिया है. अदालत का कहना है कि आवंटन रद्द होने के बाद राघव चड्ढा को इस आवास में रहने का अधिकार नहीं है.
सांसद राघव चड्ढा ने कहा है कि, ''मेरे विधिवत आवंटित आधिकारिक आवास को बिना किसी सूचना के रद्द करना मनमाना था. राज्यसभा के 70 से अधिक वर्षों के इतिहास में यह अभूतपूर्व है कि एक मौजूदा राज्यसभा सदस्य को उसके विधिवत आवंटित आवास से हटाने की मांग की जा रही है, जहां वह कुछ समय से रह रहा है और राज्यसभा सदस्य के रूप में उसका कार्यकाल चार साल से अधिक का अभी भी बाकी है. इस आदेश में कई अनियमितताएं हैं. राज्यसभा सचिवालय द्वारा नियमों और विनियमों का स्पष्ट उल्लंघन करते हुए कदम उठाए गए हैं. पूरी कवायद के तरीके से मेरे पास यह मानने के अलावा कोई विकल्प नहीं है कि यह सब भाजपा के आदेश पर अपने राजनीतिक उद्देश्यों और निहित स्वार्थों को आगे बढ़ाने के लिए किया गया है ताकि मेरे जैसे मुखर सांसदों द्वारा उठाई गई राजनीतिक आलोचना को दबाया जा सके.''