मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की सीट विदिशा-रायसेन सीट पर मतगणना शुरू हो गई है. वहां राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान आगे चल रहे है. विदिशा में शिवराज का मुकाबला कांग्रेस उम्मीदवार प्रतापभानु शर्मा के बीच माना जा रहा है.
विदिशा लोकसभा सीट का मुकाबला
क्रम संख्या | उम्मीदवार का नाम | पार्टी |
1 | शिवराज सिंह चौहान | बीजेपी |
2 | प्रतापभानु शर्मा | कांग्रेस |
मध्य प्रदेश का विदिशा सम्राट अशोक,अटल बिहारी वाजपेयी, सुषमा स्वराज, कैलाश सत्यार्थी, रामनाथ गोयनका की कर्मभूमि रही है.इनमें सम्राट अशोक और कैलाश सत्यार्थी को छोड़कर सबने लोकसभा में विदिशा का प्रतिनिधित्व किया है. इस सीट को विदिशा-रायसेन के नाम से जाना जाता है. इस बार विदिशा का मुकाबला काफी दिलचस्प है.बीजेपी ने अपने सांसद रमाकांत भार्गव का टिकट काटकर राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को उम्मीदवार बनाया है.वहीं कांग्रेस की ओर से पूर्व सांसद प्रतापभानु शर्मा उन्हें चुनौती दे रहे हैं.
कैसा है विदिशा-रायसेन लोकसभा सीट का गणित
यह लोकसभा क्षेत्र 1967 में अस्तित्व में आया था. इसमें रायसेन, विदिशा, सीहोर और देवास की आठ विधानसभा क्षेत्रों को शामिल किया गया है. इसमें रायसेन जिले की भोजपुर, सांची, सिलवानी सीट शामिल हैं.वहीं विदिशा जिले की विदिशा और बासोदा विधानसभा सीट को शामिल किया गया है.वहीं सिहोर जिले की बुधनी और इच्छावर सीट इसमें शामिल है. शिवराज बुधनी से ही विधायक हैं.देवास की खातेगांव सीट भी विदिशा लोकसभा सीट के तहत आती है.इस बार के चुनाव के तीसरे चरण में सात मई को इस सीट पर मतदान कराया गया. चुनाव आयोग के मुताबिक विदिशा में 74.48 फीसदी मतदा हुआ है. अगर विधानसभा वार मतदान की बात करें तो बासौदा में 73.74 फीसद,भोजपुर में 74.67 फीसद, बुधनी में 81.54 फीसद, इच्छावर में 80.87 फीसद, खातेगांव में 69.15 फीसद, सांची में 72.71 फीसद, सिलवानी में 72.55 फीसद, विदिशा में 70.22 फीसद मतदान हुआ है.
साल 2019 के चुनाव में बीजेपी के रमाकांत भार्गव सांसद चुने गए थे. उन्होंने कांग्रेस के शैलेंद्र रामचंद्र पटेल को पांच लाख तीन हजार 84 वोटों से हराया था.भार्गव को आठ लाख 53 हजार 22 वोट मिले थे. वहीं पटेल को तीन लाख 49 हजार 938 वोटों से ही संतोष करना पड़ा था.
शिवराज सिंह चौहान की वापसी
बीजेपी ने मध्य प्रदेश में पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के दम पर सत्ता में वापसी की. लेकिन मुख्यमंत्री की कुर्सी डॉक्टर मोहन यादव को मिली. ऐसा लगा कि पार्टी शिवराज को किनारे लगा रही है.लेकिन बीजेपी ने लोकसभा चुनाव में शिवराज को विदिशा से उम्मीदवार बनाया. वो विदिशा-रायसेन सीट का संसद में पांच बार प्रतिनिधित्व कर चुके हैं.विदिशा-रायसेन सीट पर शिवराज सिंह चौहान और कांग्रेस से पूर्व सांसद प्रतापभानु शर्मा के बीच मुकाबला है.कांग्रेस ने ब्राह्मण मतदाताओं को साधने के लिए प्रतापभानु शर्मा को मैदान में उतारा है. वहीं बीजेपी को शिवराज के कामकाज पर भरोसा है.
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